dahej mukt mithila

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शनिवार, 25 मार्च 2017

रेवती रमण झा " रमण " रचित - चालनि दुसलक सूप -----

                                     
   ॥  चालनि  दुसलक सूप   ॥ 

आँखि  पसारी अहाँ  सब देखु 
बात     कहैत    छी   सांच  । 
ज्ञानी  मनुष्य आब  बसुधा पर 
रहल     हजार    में     पांचे   ॥ 
रहल      हजार       में    पांचे 
सेष   जन   ज्ञान   छीन   जे  । 
अछि   दुनु    जन    विकलांग  
अंग     आ   ज्ञान   हीन  जे  ॥ 
ज्ञान हीन  नञि  बुझय  बुझौने 
अछि       अतवे    टा    खेद  । 
ज्ञान     हीन  आ अंग  हीन  में 
सुनू     कतेक    अछि     भेद   ॥ 
नीति कहैत छी  ज्ञान हीन जन 
मनुषो         बड़दे         थीक  ।
अंग हीन  त भला मनुष्य  अछि 
ज्ञान      हीन     सँ       नीक  ॥ 
अंग   हीन    निज  अंगक  पीड़ा 
अपनहि     तन   में     पाबय  । 
ज्ञान हीन जन  सुर संतन  मुनि 
सज्जन      ताकि     सताबय   ॥ 
से जन लखि  भरि मोन  हंसै छथि 
हमर      देखि      कय       रूप    । 
किन्तु       लगैया    देख   ओहिना 
जेना      चालनि   दुसलक  सूप  ॥ 
रचैता  

रेवती रमण झा " रमण "
ग्राम - पोस्ट - जोगियारा पतोर
आनन्दपुर , दरभंगा  ,मिथिला
मो 09997313751


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