होली खेलथि नन्दलाल
राधा मिलि गोपी के संग ।
भरी - भरी मारथि वर फिंचकारी
मचल अछि हुड़दंग ॥
होली खेलथि -----
गाओल होरी , रास जोगीरा
बाजय डंफा ढ़ोल मजीरा ।
आ बाजय मृदंग ॥
होली खेलथि------
ग्वाल बाल जान धूम मचाबय
रंग गुलाल चहु बरसाबय
मारय पिचकारी अंग ॥
होली खेलथि ------
"रमण " पीबि भांग रंग रसिया
भेटल आइ चारु मन बसिया
बसुधा रंग विरंग ॥
होली खेलथि--------
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