dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शनिवार, 16 मई 2015

बरसाइत -पतिक दीर्घायुक कामना के लेल

पतिक दीर्घायुक कामना के लेल मनाओल जैत पाबनि बरसाइत :-
पतिक दीर्घायुक कामना करैत रविदिन १७/५/२०१५ के मिथिलान्चलक महिला बरसाइत (बट सावित्री) पाबनि पुजती। ब्रातालु महिला भोरेसं नदी , पोखरिमे जा क' स्नान क' बरक गाछतर परम्परागत रुपसं पुजा पाठ हेतु उपस्थित हेतीह । मिथिलान्चलमे महिला बडड श्रद्धाक संग अहि पावनि के मनबैत छथि । सावित्री आ सत्यवानक जीवनगाथासं ई व्रत जूडल हएबाक कारणे अहिवातक लेल महत्वपूर्ण मानल गेल अछि । अहि पाबनि में बरक गाछमे जल चढाओल जाइत अछि त नवका बाँसक बियैन आ तारक पंखा सँ वरके गाछके होंकल जाइत छैक । व्रतालु स्त्रीगण एहि दिन प्रात: काल नित्यकर्म क' सासुर सँ आनल कपडा पहीर सखी सहेली संगे मंगलगीत गबैत वरक गाछके पूजैत छथि । व्रती महिला निष्ठापुर्वक गौरी आ विषहरके पूजा क' अन्त्यमे सत्यसावित्री आ सत्यवानक कथा सुनैत छथि ।

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