एक जुट होउ मिथिलावासी,
तखनहि बनत मिथिला राज्य!
आ नहीं,
त अपने में होईत रहु विभाज्य !!
आ करैत रहु,
हमरा चाही मिथिला राज्य !
हमरा चाही मिथिला राज्य,
हमरा चाही मिथिला राज्य !!
मिथिला के भविष्य त,
उठाये लेने छथि जगदीश !
आबो त सब मिलि - जुलि क,
हाथ जोड़ी नवाऊ शीश !!
जतेक संघ आ पार्टी,
सब अपने -अपने करैत रहु तीन - पांच !
ऐना जां करैत रहब,
त कखनो नै मिळत घांच !!
बेसी हम की कहु----,
अपने सब छि बड्ड बुझनुक !
कनी ओहो-----, कनी तोंहू----,
कनि कनिक सब झुक !!
जे सब एही काज में झुकबहक,
तकरे नाम उठ त !
आ नहि----,
त सबटा कबिलपंथी घुसरि जे त !!
एतै कियो वीर बहादुर,
सब के कर जोड़ी निहोरा करत !
आ मिथिला के लोक के------,
एक जुट करैत, राज्य बनेबे टा करत !!
फेर पुछै छि----,
बात बुझै छि ----?
केना बनेबई मिथिला राज्य !
एक जुट होउ मिथिलावासी,
तखनहि बनत मिथिला राज्य !! --3
संजय कुमार झा
"नागदह"
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