dahej mukt mithila

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शनिवार, 14 दिसंबर 2019

मोर ललना परम सुकमार ।। गीतकार - रेवती रमण झा "रमण"

       !! हजमा गीत !!



धीरे धीरे छूरिया चलबि है
नै बौआ के कनबि हैं रे ।
मोर ललना परम सुकमार
तू बौआ के बचबि है रे ।।

बौआक दीदी सुभग वर
लागै सुहनगरा रे ।
हजमा रे ताही संग देबौ दुशाला
कि धोती कुरता तोरे देबौ रे ।।

गाबू हे मंगल गीत कि परम पुनीत
जे शुभ दिन आओल हे ।
ललना रे धन धन बाबा के भाग
कि नेग लुटाओल हे ।।

चारु कात नीपल आँगन
अडिपन ढेयौरल हे ।
ललना रे छाओल विमल बसंत
"रमण" मन नाचल हे ।।

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