dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

बुधवार, 7 मार्च 2018

जय कुलबोरनि माता रचयिता - रेवती रमण झा " रमण "

                    || जय कुलबोरनि माता ||
                       

जय - जय माया, जय कुल तारनि
जय          कुलबोरनि       माता ।
शान्ति    कुटीर  करु  पावन  अम्बे
हे    कलि     पूज्य      विधाता  ।।

कट - कट दसन अधर पट - पट कर
 टप     -    टप         पिपनी     नोरे ।
थर - थर   गात   अरुण   दुह्ँ  लोचन
 बचन           श्रवित          इनहोरे ।।

वासर   -   रैन   चैन    नहि   कहियो
नित      दिन        नाचथि        नंगे ।
गावथि  हंसथि  बिलसि मुख मोदित
 रुदन           बिकट           बहुरंगे ।।

भाग्य   रेख   वर  पावि,  तोहि  निज
 सोई       आखर      मोहि       मेंटू ।
 "रमण"    प्रणाम    प्रथम   हे नागिन
  भाभट            अपन         समेंटु ।।

रचयिता
रेवती रमण झा " रमण"

कोई टिप्पणी नहीं: