dahej mukt mithila

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शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016

अनुचित केहन करै छी यौ


 ( भास - नचारी  )
अनुचित  केहन  करै  छी  यौ    ।
सोन सनक बेटा  जनमा  कउ
मूल्य   धरै   छी   यौ ----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---

रावण एक  कनोलक  सीता
तकर दण्ड  वो  पौलक  ।
तिलक - वाण सँ  लाखो  बेटीक
प्राण    हरै    छी    यौ  ----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---

लाख करोड़  टाका  गनबौलहुँ
जेवर   लेलौं     धराय   ।
मोटर साइकिल  चरपहिया लय  -
नित   झगड़ै    छी   यौ-----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---

बेटीक  जन्म  हमर  मिथिला  में
भेल   अछि   अभिशाप  ।
निर्धन कन्यागत  केर जीवन -
ज्योति   हरै   छी   यौ  ॥
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---

"रमण"  सब सँ  हाथ  जोरि कय
कहलक    आई    पुकारि
अप्पन माहुर अपनहि खा कय
सब   मरै   छी   यौ ----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---

रचैता -
 रेवती रमण झा " रमण" 
 मो -9997313751 

    समस्त पाठक गन सन  आग्रह  एक बेर ई विडियो लिंक जरूर देखि  ----
जय मैथिल - जय ----

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