dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शुक्रवार, 17 अक्तूबर 2014

दसा

'दसा

उज्जर केश उज्जर पनही,
उज्जर वेश उज्जर कंगही |
बयस पचपन मोन जुआन ,
राखी अप्पन दसाक ध्यान ।
ऊठी कत्तय बैसी कत्तय,
बाजी कक्खन मुस्की कत्तय|
एक्कर सदिखन रहय ज्ञान ,
राखी अप्पन दसाक ध्यान ।
उमर उत्तर भेला पचास ,
जीभ 'जोरक' नै दास खबास |
बांचत तक्खने प्रौढक मान,
राखी अप्पन दसाक ध्यान ।
पहिरी केहेन कपड़ा लत्ता ,
आबो छोडू अहंगक सत्ता  |
सम्भव तक्खने सुभग सम्मान,
राखी अप्पन दसाक ध्यान ।
देखू , भोरे द'र दलान ,
सम्भव सेवा सालिगराम |
भजन कीर्तन सीताराम ,
राखी अप्पन दसाक ध्यान ।

सादर : महेश झा 'डखरामी'

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