dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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गुरुवार, 16 अक्तूबर 2014

अंतर्भाव



अंतर्भाव

प्रीति परात ह्रदय धवल ,
अंतर आबद्ध भ्रमर कमल |
कँवल कोमल प्रेम पाश ,
कुंजी कन्चुक कंत आश |
पसरल भुवन भाष्कर भाव ,
भ्रमर भ्रमित आसक्ति प्रभाव |
सुन्दर सोच , सुंदर काज ,
शब्द सुन्दर , सुंदर लाज |
अगम अथाह कमल विमल ,
मदान्ध गन्ध मत्त प्रवल |
कोमल गुन्जन शिथिल गात ,
सिनेह निमंत्रण प्रणय प्रपात |
नयन नेह मन ह्रदय हंसल ,
दर्शन प्रीतम नित्य नवल |

सादर: महेश झा 'डखरामी'

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