प्रवेश
होम
मैथिलि -पंचांग
VIDEHA
मैथिलि हनुमान चालिसा
मिथिला दर्शन
sahity mahasabhah
bhakti aradhna
jyotish gyan
अप्पन--
हंसिय लिय
dahej mukt mithila
(एकमात्र संकल्प ध्यान मे-मिथिला राज्य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150
apani bhasha me dekhe / Translate
बुधवार, 23 मई 2012
रूबाई
कखनो तँ हम अहाँ केँ मोन पडिते हैब
यादिक दीप बनि करेज मे जरिते हैब
बनि सकलहुँ नै हम फूल अहाँक कहियो यै
मुदा काँट बनि नस नस मे तँ गडिते हैब
1 टिप्पणी:
प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ'
ने कहा…
सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
26 मई 2012 को 9:25 pm बजे
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
सुन्दर प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
एक टिप्पणी भेजें