dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

सोमवार, 25 अप्रैल 2011

आब अप्पन कहू की बिचार भेल

  प्रिय बंधुगन आय ग्रुपक सफलता के देखैत बहुत ख़ुशी होइत छले,
जे हम सभ मिल के जे एक छोट छिन्ह सपना देखने छलों से आय अपन राह पर अग्रसर भो रहल अछि.....

खुशिक संगे संग बहुत रास गप एहनो अछि जहीं सँ ह्रदय बहुत दुखाबैत अछि..

ह्रदय के द्रवित करै बला एहने एक आर गपक हमरा पता चलल... दहेज़ मुक्त मिथिला के एक बहुत जिम्मेदार सदस्य जिनका सँ हम सभ बहुत आस राखैत छलों (फिलहाल नाम नै कहब) पता चलल जे

अगला महिना हुनकर छोट भाई के विवाह छैन...१९ मई , सुईंन के आश्चर्य करब जे ओ अपन भाई के 1,५००००/- (एक लाख पचास हजार ) दहेज़ लेना छलाह....

आब अहिं सब कहू हम सभ मिल के की की सपना देखैत छलों आ की भे रहल अछि ???

 एहि तरहक सभ सदस्यसँ हम अपील करे चाहब  जे अपनेक झूठ - मुठ  आशाक एहि संस्था "दहेज़ मुक्त मिथिला" के कुनू जरुरत नै छैक... जिनका मोन में एहि तरहक भावना अछि कृपा के कs एहि ग्रुप सँ बाहर जेबाक कस्ट करी...

यदि हमर गप किनको खराब लागत ते तहि लेल छमा चाहब.....

आगू और  सूनू की भेल  ------
Pravin Narayan चौधरी  जितमोहनजी! ओ जे केओ होइथ हुनका लेल एतेक अपील बहुत आँखि खोलयवाला होयबाक चाही। लेकिन नाम खोलबैक तखन ने आरो लोक सभ एहेन मिथ्याचार करनिहार के पहचान करतैक? आ, कहीं अहाँ के गलत जानकारी भेल होय... ओहो बात स्पष्ट भऽ जेतैक। जे-जेना, अपने एहि बातके पूरा स्पष्ट लिखियौक।


 Pravin Narayan Choudhary वाह जीतमोहनजी!! बहुत सुन्दर प्रकरण बुझैछ आ लगैछ जे इहो एक रिकार्ड बनल एहि दहेज मुक्त मिथिलाके मूहिम के... ग्रेट सिम्प्ली!! जे लेलाह आ रिटर्न करताह ओहो बहुत सभ्य लोक छथि आ हम हुनका केवल एहि लेल नमन्‌ करवैन जे अपने लोकनिक मान राखिके लड़कीवालाके लेल पाइ वापस करय लेल तैयार छथि। वीर पुरुष हुनक सार के सेहो नमन्‌ - अहाँ सदिखन अहिना वीरतापूर्वक दहेजके दानव सँग लड़ैत रही से प्रार्थना। जय मैथिली! जय मिथिला!

Jitmohan Jha  भैया इ बात पूरा स्पष्ट अछि, हम सब हुनका सँ संपर्क में छी संगे ओ गछने छलाह जे लेल गेल दहेज़ रूपी पाई १,५००००/- ओ बेटी पक्ष बला के वापस करता... एहि मुहीम में हुनक खिलाफ खुद हुनकर सार हमरा संग ठार छैथ.. ओ एता धरी हमरा कहला जे जाधरी ओ हमरा स्टं...प पेपर पर लिख के नै देता आ ओई पर बेटी बला के दस्खत नै देखेता हम पछा नै छोर्बैन...
तहि लेल जखन ओ इ बात स्विकारैत छैथ ते हमरा बुझला सँ हुनकर नाम सार्वजानिक केनाय ठीक नै हेत...
तहि लेल हम छमा चाहब... कारण हमरा सभ के किनको भावना के ठेस नै पहुचेबाक चाही....

 आब  ओऊ  मुद्दा के  बात  पर  की  ई उछित   थिक   नै,   कियक  नै  की  अहन सब  अहैसे  पहिने मिथिला  से  बहार  छलो जे
 नाजेर नै   परल  की  अहाँ सब   के , टोल परोस  , गामा  घर  मे ई  बात  नै  छैक
की  अहाँ सब  एक   दोसर  के  खिलाप   किछ  कहै  नै  सकैत  छी या अहाँ  सब के  डर होय्या ,अगर होय्या  त  से किय  होय्या  , से  कियक  की  कारन  छैक , आई जै  किछ  कारन  छल  ताहि दुरे  ई गप्प  उठायल  गेल  कियक  ई  गप्प  मदन  ठाकुर  के  छोट  भाई  के  बियाह  छियान  ताहि दुवारे  या मदन ठाकुर  कुनुक  कर्मक  नै छैथि ताहि दुवारे , की  किनका  घर  में  बियाह  नै  होयत  अछि  ई गप्प  छुपल  छैक ,  से  बताऊ या और  कुनो कारन  छैक
 हम  मिथिला के संतान छी ताहि  दुवारे , या   हम '' दहेज़  मुक्त  मिथिला  '' के सदस्य आई  १०  दिन  से  भेलो  ताहि दुवारे की जाही  कारन  अपनेक  सबहक  समक्ष  शर्म से  किछ  नीच  लागैत  छी , की  ना यो ,   मुद्दा  नै  हमर  गर्व  से  हमर  गर्दन  आई उच्च  अछि  ,  जे  हम  लड़की  बाला के   रुपैय   वापस  करब  आ  दहेज़  मुक्त  मिथिला  बनायब   हमर  ई  कसम  और  अपनेक  सबहक  वादा अछि , चाहे हमारा अपन परिवार , टोल परोस , या गावं  से नाता तोरे  परे ,  यदि  अपनेक  सबहक  सहयोग  रहत  त , ई कदम  हम उठारहल छी  आगू  से  मगर  अहुंके  उठायब परत  अप्पन  कदम  , पछु  से , दहेज़  मुक्त  मिथिला के लेल , की तैयार  छी  अपन गर्दन  उच्चय देखाबैक लेल  ता अहं सब  कसम खाऊ , और  वादा  करू , मिथिला के खातिर ,
मदन कुमार ठाकुर
पट्टीटोल, कोठिया 
भैरव स्थान , झंझारपुर 
मधुबनी बिहार 847404
और कहब त कहू अहि पर
9312460150

1 टिप्पणी:

anand kumar ने कहा…

madan ji apanek koti koti naman , ahi dehaj mukt mithila ke lel