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शनिवार, 4 अप्रैल 2020

हे रघुनंदन रविकुल चंदन ।। गीतकार - दिनेश झा " माधव "

               ।। मैथिली श्रीराम - भजन ।।


हे रघुनंदन रविकुल चंदन , पुरूषोत्तम  श्रीराम ।
कौशलेश दशरथ  कें लाला , सिता के अभिमान ।
सुनु हे  अबध बिहारी  ,  हरू हे  संकट   भारी  ।।
           हे रघुनंदन ...............।
 पतित पावन  परमेश्वर , सुनु सियवर राम अहाँ यौ ।   
  कतेक अधम  पापी कें तारलौं ,  रघुवर राम अहाँ यौ ।     
  प्रेम पाश बंघन में पड़ी क , केलौं  प्रभु कल्याण ।
  सुनु हे  वीर धनुधारी  ,  हरु हे   संकट   भारी  ।।
         हे रघुनंदन ...............।।
   पग रज प्रभु  महिमा , के नहि जग में जानै ।
  गौतम नारी अहिल्या प्रभुजी , जन्म कृतारथ मानै । 
   पग पखारत केवट तड़ि गेल ,  जाने सकल जहान ।
   सुनु हे परम सुखारी ,   हरू  हे  संकट  भारी  ।।
        हे रघुनंदन ..............।।
   ऐंठल  बैर  सबरी के , प्रभु  रूचि सँ  भोग लगेलौं ।
   अधम गीध जटायु कें स्वामी , मोक्ष के धाम पठेलौं ।
 माँगत " माधव " करजोरी प्रभुजी , दियौ अभय वरदान।
   सुनु   हे  संत हितकारी ,  हरू  हे  संकट  भारी  ।।
           हे रघुनंदन ...........।।

   ----- गीतकार दिनेश झा " माधव "
       सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला 
               8369384585

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