dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शुक्रवार, 23 जून 2017

वरक - परिछन

वरक - परिछन 

जु चलियौ  यौ   दूल्हा ससुर अंगना  | 
नव  साजल   सुमंगल  मंडप  अंगना   || 
                          आजु चलियौ------
परिछन    अयली   सासू     सुनयना   | 
  आजु हियरा जुरायल  निरखि नयना  | |   
                        आजु चलियौ -----
माथे  मणि मौर  , तन शोभे  पिताम्बर  | 
छवि     अवलोकू      नवल    बहिना    || 
                           आजु चलियौ ------
जेहने     धीया  , ओहने   वर   सुन्दर  | 
आजु   भेल   हमरो   सुफल    सपना  || 
                          आजु चलियौ ------
"रमण"  सखी जन  परीछन  चलली  | 
कने  धीरे - धीरे  बाजा  बजारे  बजना 
                         आजु चलियौ------

लेखक -
 रेवती रमन झा "रमण "

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