आर्युर्वैदिक मतानुसार आम के पंचांग (पाँच अंग) काज अबैत अछि। एही वृक्षक अंतर्छाल केर क्वाथ प्रदर, खूनी बवासीर आ फेफड़ा वा आँत सँ रक्तस्राव भेला पर देल जाइछ। खाल, जैड़ आ पातक कसैल, मलरोधक, वात, पित्त आ कफ के नाश करय वाला होइत छैक। पात बिच्छू के कटला पर आ एकर धुआँ कंठ केर किछु व्याधि आ हिचकी में लाभदायक होइछ। आमक बौर शीतल, वातकारक, मलरोधक, अग्निदीपक, रुचिवर्धक आ कफ, पित्त, प्रमेह, प्रदर आ अतिसार कें नष्ट करय वाला होइछ। काँच आम कसैला, खट्टा, वात पित्त के उत्पन्न करयवाला, आँतक सिकुडब्, कंठक व्याधि के दूर करय वाला आ अतिसार, मूत्रव्याधि और योनिरोग में लाभदायक बताओल गेल अछि। #पाकल फल मधुर, स्निग्ध, वीर्यवर्धक, वातनाशक, शीतल, प्रमेहनाशक आ रुधिर के रोग सब के दूर करयवाला होईत अछि। ई श्वास, अम्लपित्त, यकृतवृद्धि आ क्षय में सेहो लाभदायक होइछ।
आधुनिक अनुसंधानक अनुसार आम के फल में विटामिन ए आ सी पाओल जाइछ। अनेक वैद्य केवल आम के रस आ दूध पर रोगी के राखि क्षय, संग्रहणी, श्वास, रक्तविकार, दुर्बलता सन रोगक निवारण में सफलता प्राप्त कयलनि अछि। फलक खोईंचा गर्भाशय के रक्तस्राव, रक्तमय कारी दस्त में तथा मुँह सँ बलगम के संग रक्त जेबा में उपयोगी होइत छैक। आँठी के गरी केर चूर्ण श्वास, अतिसार आ प्रदर में लाभदायक हेबाक अलावा कृमिनाशक सेहो होइत अछि।
पाकल आम बहुत स्वास्थ्यवर्धक, पोषक, शक्तिवर्धक आ चरबी बढ़बै वाला होईत अछि। आमक मुख्य घटक शर्करा छै, जे विभिन्न फल सब में में ११ सँ २० प्रतिशत तक विद्यमान रहैत छैक। शर्करा में मुख्यतया इक्षु शर्करा होइत अछि, जे कि आम के खेबाक योग्य हिस्सा के ६.७८ सँ १६.९९ प्रतिशत छै। ग्लूकोज़ वा अन्य शर्करा १.५३ से ६.१४ प्रतिशत तक रहैत छै। अम्ल में टार्टरिक अम्ल वा मेलिक अम्ल पाओल जाइछ, एकरा संगहि संग साइट्रिक अम्ल सेहो अल्प मात्रा में पाओल जाइछ।
आम के अन्य घटकएहि प्रकार अछि - प्रोटीन ९.६, वसा ०.१, खनिज पदार्थ ०.३ रेशा, १.१ फॉसफोरस ०.०२ आ लौह पदार्थ ०.३ प्रतिशत। नमी के मात्रा ८६ प्रतिशत होइछ। आमक औसत ऊर्जा मूल्य प्रति १०० ग्राम में लगभग ५० कैलोरी रहैत छैक।
संकलन आ अनुवाद : Niraj Mishra Munnu
सौजन्य - Sanskar Mithila - संस्कार मिथिला
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें