dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 22 दिसंबर 2015

गजल

आँखिक मस्ती जे अपन ओ पिया देलक
बिनु पीने हमरा शराबी बना देलक
सम्हारल छल ई करेजा बहुत जतनसँ
नैनक संकेतसँ गगनमे उड़ा देलक
अनका नचबैमे छलौं मस्त एखन धरि
ता ता थैया नाच हमरा करा देलक
जे नै बुझतै बात तकरासँ आसे की
बेदर्दी दर्दे करेजक बढ़ा देलक
कोना भेंटत "ओम"केँ चैन एतय यौ
पर्दा प्रेमक आबि अपने हटा देलक
2222-2122-1222
प्रत्येक पाँतिमे एक बेर

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