dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

गजल

अपने सुरमे हम तँ गाबैत रहब
जिनगी बाजा छै बजाबैत रहब
बिरड़ो कतबो ई हिलाबै हमरा
सुन्नर फोटो नित बनाबैत रहब
कहियो बूझब हमर संकेत अहाँ
भाषा संकेतक बुझाबैत रहब
नोनी लागल जइ घरक देबालमे
एहन घरकेँ हम खसाबैत रहब
"ओमक" फुलवारी गमकतै सदिखन
ऐ फुलवारीकेँ सजाबैत रहब
2222-2122-112 प्रत्येक पाँतिमे एक बेर। चारिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।

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