28 दिसम्बर -२०१४ दहेज मुक्त मिथिला मुंबई-
द्वारा आयोजित 'मिथिला महोत्सव' २८ दिसम्बर भारतक आर्थिक राजधानी मुंबई मे भव्यतापूर्वक समापन भेल। एहि कार्यक्रमक विधिवत् उद्घाटन पंडित राजेन्द्र झा तथा कृष्ण कुमार झा 'अन्वेषक' केर वेदपाठ आ स्वस्तिवाचन सँ प्रारंभ कैल गेल। तदोपरान्त रश्मि प्रिया द्वारा विद्यापतिरचित गोसाउनि गीत 'जय जय भैरवि' केर गान सँ प्रारंभ कार्यक्रम मे एक सँ बढि कय एक प्रस्तुति परसल गेल। माधव राय, मनुवा ठाकुर, ज्ञानेश्वर दुबे, सुरेशानन्द, रश्मि प्रिया, प्रीति सुमन, पूजा झा - हिनका लोकनि द्वारा एक सँ बढिकय एक दहेज पर आधारित लोकगीत, विद्यापति गीत आ मिथिला महिमागान कैल गेल। भाइ माधव राय द्वारा उगना रे मोर कतय गेलाह आ ज्ञानेश्वर दुबे केर आजु नाथ एक व्रत महासुख लागत हे आ फेर सुरेशानन्द केर हे हर हमर करहु प्रतिपाला सहित अनेकानेक शिव ओ शक्ति केर आराधना जे मिथिलाक खास विशेषता अछि तेकर प्रस्तुति सँ हर मैथिली कार्यक्रम मे स्वयं महादेव आ गौरीक संग मिथिलाक पाहुन राम आ धिया सिया सब कियो आह्लादित भेलाह। उपस्थित जनमानस केर बाते कि कैल जाय जखन स्वयं आराध्यदेव आह्लादित होइथ। कार्यक्रमक भव्यता पर विमल जी मिश्र बस एतबी कहैत छथि "जे एकर वर्णन शब्द मे संभव नहि अछि'। पंकज झा, संयोजक व दहेज मुक्त मिथिलाक राष्ट्रीय अध्यक्ष कहैत छथि "समयक पाबंदी सजा बुझाइत छल - कार्यक्रमक भव्यताक शिखर-शोभा कि कहू"। राजेश राय केर शब्द अछि "बस भाइजी, अहीं टा के कमी छल, बाकी कार्यक्रम तऽ लाजबाब भेल।
एहि अवसर पर दहेज मुक्त मिथिला अभियान लेल खास रूप सँ नवीन मिश्रा द्वारा तैयार कैल गेल एक डक्युमेन्ट्री फिल्म केर प्रदर्शन सेहो कैल गेल। दहेज समाजक केहेन कूरीति अछि, एहि कूरीतिकेँ लोक जानि-बुझि कोना प्रश्रय दय रहल अछि, एकरा सँ समाजकेँ निजात दियेबा लेल अभियानक दिशा ओ दशा केहेन अछि, एहि मे आमजनक सहभागिता कोन तरहें कैल जाय.. इत्यादि विषय पर समेटल बात राखैत एहि डक्युमेन्ट्री सँ उपस्थित सब कियो एतेक प्रभावित भेला जेकर परिणामस्वरूप उपस्थित हजारों लोकक भीड़ सँ युवाक आवाज आबय लागल जे हम सब संकल्पित छी दहेज मुक्त मिथिला लेल, माँगरूपी दहेजक प्रतिकार करबा मे हम सब एहि अभियानक संग छी। मिथिला तखनहि स्वच्छ आ सुन्दर बनत जखन स्वेच्छाचारिताक बढाबा देल जाय। एहेन सांगीतिक समागम जाहि मे वैचारिक क्रान्ति हो, यैह तऽ मूल उद्देश्य रहैक एहि भव्य कार्यक्रमक। आ अभियानक सफलता लेल जतय मुंबई केर समस्त मैथिल सितारा लोकनि उपस्थित भऽ जाइथ तऽ फेर कल्पना कैल जा सकैत छैक जे समागम कतेक महान ओ गंभीर छल। उल्लेखनीय अछि जे सब सितारा 'राजीव सिंह (गजरा), राहुल सिन्हा, फूल सिंह, मनोज झा, नविन मिश्र, डा. अभय झा, संजीव पूनम मिश्र, गौरव झा, ज्ञानेश्वर दुबे' स्वस्फूर्त दहेज मुक्त मिथिला अभियानक सफलता लेल आगाँ आबि एहि कार्यक्रम मे भाग लेलनि आ संदेश देलनि जे घर-घर एहि अभियानक संदेश केँ पहुँचाबय मे ओ सब सदिखन संग छथि। ओना तऽ एहि कार्यक्रम मे उपस्थिति बहुतो लोकक होइत मुदा उत्तर भारत मे कड़क ढंढक चलते बाहरी उपस्थिति कम भऽ सकल, धरि दिल्ली सँ विमल जी मिश्र अपन वचन केँ निर्वाह करैत एहि कार्यक्रम मे महत्त्वपूर्ण सहभागिता प्रदान केलैन, आयोजक समिति आभार सहित धन्यवाद प्रकट कयलनि एहि लेल।
कलाकार, फिल्मी सितारा, गायक, विद्वान्, समाजिक नेतृत्वकर्ता अभियानी आ खास कय आयोजक संस्थाक समस्त समर्पित युवा-शक्ति - सबहक समर्पण सँ सुव्यवस्थित एहि ऐतिहासिक विश्वस्तरीय कार्यक्रम आयोजन मे संचालक किसलय कृष्ण अपन प्रखर ओ ओजपूर्ण संचालन सँ मंच केँ एहि तरहें बान्हिकय प्रस्तुति सब करैत रहलाह जाहि मे प्रमुख अतिथि डा. बुद्धिनाथ मिश्र केँ सीधे मंच पर सम्मान कार्यक्रम मे आमंत्रित करबाक अवसर भेटल आ हुनक मुखारविन्द सँ संबोधन भेल जे 'दहेज सँ समाज प्रभावित अछि, निवारण आवश्यक'। तहिना अतिथि लोकनिक सम्मानक क्रम निरंतरता मे रखैत मंच पर सांसद गोपाल सेठी द्वारा कहल गेल जे 'दहेज सब समाजकेँ प्रभावित कय रहल अछि, तैँ एकरा समाप्त करू आ बेटा-बेटी केर समानरूप सँ शिक्षित करू'। एहि कार्यक्रमक विशिष्ट आमंत्रित अतिथि दिल्ली सँ आयल अखिल भारतीय मिथिला संघ केर अध्यक्ष श्री विजय चन्द्र झा केँ मंच सँ सम्मान करैत हुनक मुखारविन्द सँ संबोधन भेल जे 'एक समय दहेज उन्मुलन लेल बैजु बाबु संग सौराठ सँ कार्यक्रम प्रारंभ केने रही, ओकरे नवरूप दहेज मुक्त मिथिला केर कार्य प्रशंसनीय अछि'। स्थानीय विधायक प्रकाश सुर्वे सेहो मंच द्वारा सम्मानित होइत अपन उद्गार प्रकट केला जे 'दहेजक लोभी केर सामाजिक बहिष्कार कैल जाय'। संस्थाक संरक्षक पंडित धर्मानन्द झा सेहो सम्मानित भेला उपरान्त अपन संबोधन मे कहलनि जे 'हम जाहि वचन मे अपना केँ बन्हलहुँ तेकरा अपन बेटीक विवाह सँ पूरा केलहुँ, आगाँ दुइ-दुइ पुत्रधनक पिता रहैत एहि वचनकेँ निर्वाह करबाक लेल प्रतिबद्ध छी'। समयाभाव मे बहुते रास वक्ताकेँ मौका नहि भेटलनि, दयानन्द झा द्वारा सेहो संछिप्त संबोधन मे कहल गेल जे 'सामाजिक विकास लेल दहेज परित्याग करबाक जरुरत अछि'। अन्त मे एहि सुन्दर आयोजन लेल दहेज मुक्त मिथिलाक समस्त मुंबई कार्यकारिणी केँ समुचित सराहनाक संग अध्यक्ष पंकज झा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करैत अभियान संग निरंतर सहयोग करैत 'दहेज मुक्त मिथिला' निर्माण हेतु सबहक संग पेबाक आह्वान कैल गेल। विदित हो जे ई अभियान फेसबुक सँ शुरु होइत आइ ग्लोबल बनि गेल अछि आ हर मैथिलक संग अन्य-अन्य सहयात्रीवर्ग मे विषय प्रवेश करैत क्रान्ति-आमंत्रण भऽ रहल अछि। एहि आयोजना केँ फेसबुक सँ लाइव फेसबुकास्ट सेहो कैल गेल। कैमरा आ मैसेज द्वारा नियंत्रित समस्त कार्यक्रम केँ स्लट-वाइज फेसबुक पर प्रसारण कैल गेल जाहि मे आयोजन पक्षक धर्मेन्द्र झा, राजेश राय आ राधेश्याम खाँ चुनचुनक संग हम प्रवीण समस्त पोस्ट केँ मैनेज कय रहल छलहुँ। ई आयोजन केँ एहेन कहल जा सकैत छैक जे 'न भूतो न भविष्यति'।
बिना कोनो भेद भाव कें एहेन कार्यक्रम, पहिल बेर देखल गेल की,जाहि में मुम्बई कें सांसद विधायक आ अनेकानेक संगठन सबहक कार्यकर्ता,बुद्धिजीबी सब कें सब इक्कठा भऽ कें एक सुर में,बिना कोनो राजनीति कें, दहेज मुक्त मिथिला' अभियानक प्रशंशा केलक आ बाजल जे देश समाज कें लेल,शुरु कएल गेल "दहेज मुक्त अभियान" सब सँ उत्तम कार्य अछि । एहेऩ सुन्दर भव्य आयोजन कें परिकल्पना में श्री प्रविण नारयण चौधरी जी कें दूर दृष्टि,दिव्य विचार धारा, अमुल्य परिश्रम सर्वविदित अछि । पं.श्री धर्मन्नद जी आ पंकज जी कें कार्य दछ्ता अतुलनिय अछि । एक कृष्ण अछि तऽ दोसर अर्जुन,किनका सारथि कहि किनका महारथि कहि । एक सँ बढि कें एक,दिग्गज रथि सब कें संग,दानव रुपि दहेज कें दमन करबाक लेल,वचन आ कर्म रूपि अस्त्र -शस्त्र सँ सुसज्ति भऽ कें महायुद्ध जितबाक लेल प्रतिबद्ध । पितामह भिष्म कें सदृश शोभायमान,श्री विजय चन्द्र झा जी, मिथिलाक कुरीति कें समाप्त करबाक लेल महारथि सब कें अन्दर जोश क संचार करैत छलाह । बुद्धि नाथ मिश्र जी,एहि महाभारतक व्युह रचना भेदन पर,अपन अमोघ दृष्टांत सँ अवगत करा रहल छलाह । पं.श्री धर्मानन्द जीक आतिथ्य आ पंकज जीक सेवा भाव सँ अभिभुत छी । अद्वितय स्वभाव आ हृदयस्पर्शि बिचारधाराक गंगा बहैत पहिल बेर देखबाक सौभाग्य मिलल । धन्य हमर मिथिला,धन्य हमर मैथिल । हम किएक नहि गर्व करब । पुर्व जन्मक कोनो सतकर्मक फल थीक जे एतेक नीक कार्यक्रम में,पं.श्री धर्मानन्द जी आ पंकज जी कें संग भ्राति स्नेहक दुर्लभ खजाना मिलल जय मिथिला जय मैथिल ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें