श्रद्धांजलि ( स्वर्गीय श्री शैलेन्द्र मिश्र भाइके )
M S अपार्टमेंट सिविल सर्विस ऑफ़िसर कलव के जी मार्ग देल्ही
२१ दिसम्बर २०१४
२१ दिसम्बर २०१४
१६ दिसम्बर २०१४ के शैलेन्द्र मिश्र बिमारी सं ग्रषित के कारन मात्र - ५२ वर्ष के अवस्था में स्वर्गवशी भगेलहा , हुनक श्रद्धांजलि देबाक लेल मिथिला कला मंच आ सुगति - सोपान के सानिंध्य में श्री मति - कुमकुम झा और A -वन फिल्ल्म इंडिस्ट्री के संचालक सुनील झा पवन के अगुवाई में विभिन् प्रकार के डेल्ही एन सी आर में जतेक भी संस्था अच्छी हुनका सब के समक्ष शैलेन्द्र मिश्रा नामक बल्ड बैंक के योजना बनबै के मार्गसं अविगत केला । जे गति शैलेद्र भाई , हेमकान्त झा , अंशुमाला झा के संग भेल । ओहि विपप्ति सं दोसर किनको नै गुजरै परैं । कियाक नै हम सब मिल एकटा एहन काज करी जाहिसं मैथिलि कला मंच के हित में राखी हुनका लेल किछु राशि निवित राखल जय और ओहि राशि के शैलेन्द्र भाई एहन लोक लेल जरुरत परला पर मैथिल कला मंच काम आबैथि ।
ब्लड बैंक के जिम्बारी डॉक्टर विद्यानन्द ठाकुर आ ममता ठाकुर जी स्वीकार करैत अपन मार्ग सं सब के अबगति करेला । ओतय दहेज़ मुक्त मिथिला डेल्ही प्रभाड़ी मदन कुमार ठाकुर सेहो अप्पन जिम्मेबारी के निर्वाह करैत डी म म के पूर्ण सहयोग के अस्वाशन देला ।
आखिर मिथिला कला मंच सन पिछरल कियाक ? से मैलोरंग के समस्त टीमसं जानकारी और रहस्य मय बात के पूर्ण सहयोग भेटल । मैथिल कला रंगकर्मी सं जे भी जुरल छथि हुंकर जिनगी कोनो खास नै कहल जय ओहिसं जिनगी के गुजर - वसर नै कैइयल जा सकइत अच्छी । ताहि हेतु भारत सरकार से उचित न्याय के मांग कइल जैय ।
एवं प्रकारे सेकड़ो के संख्या में आवि भाई शैलेन्द्र के श्रद्धांजलि दय प्रणाम करैत हुनक आत्मा के शांति प्रदान होयक लेल गयत्री मन्त्र के उच्चारण करैत २ मिनट के मोन धारण कइल गेल ।
शैलेन्द्र भाई के गुजरालसं खास के कला और साहित्य दुनू में बहुत नुकसान अच्छी । कही नै सकैत छी कतेको शैलेन्द्र भाई के चेला रंग कर्मी कला मंच सं पाछू छुटी गेला । मिथिला मैथिलि के प्रति हुनक एकटा बस अवाज बानी रही गेल --
हे मिथिला अहाँ मरैय सन पहिने हम मरीय जय
एवं प्रकारे सेकड़ो के संख्या में आवि भाई शैलेन्द्र के श्रद्धांजलि दय प्रणाम करैत हुनक आत्मा के शांति प्रदान होयक लेल गयत्री मन्त्र के उच्चारण करैत २ मिनट के मोन धारण कइल गेल ।
शैलेन्द्र भाई के गुजरालसं खास के कला और साहित्य दुनू में बहुत नुकसान अच्छी । कही नै सकैत छी कतेको शैलेन्द्र भाई के चेला रंग कर्मी कला मंच सं पाछू छुटी गेला । मिथिला मैथिलि के प्रति हुनक एकटा बस अवाज बानी रही गेल --
हे मिथिला अहाँ मरैय सन पहिने हम मरीय जय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें