एलीह जखन धनि
प्रथम मिलम लेल
गेली बहुत सिकुचाइ
हे प्रभु जी करू
ने कोनो उपाय
ठाढ़ भेलि धनि
,कनिको ने सिहुँकथि
मूर्ति रूप सन
मुखहुँ ने बाजथि
आब करू हम
कोण उपाय
हे प्रभु जी करू
ने कोनो उपाय
कर धरि जोड़-
बलजोड़ बैसाओल
कोनो बातक जबाब
नहि पाओल
देलहुँ हम घोघ
उठाई
हे प्रभु जी करू
ने कोनो उपाय
जखन देखल मनमोहक
रूप
फेर पुनि आँजुर
झँपलनि रूप
आबो त' दियनु
समझाय
हे प्रभु जी करू
ने कोनो उपाय
कतेक मनाओल पुनि समझाओल
विधिना लिखल आजु
दिन आओल
आबो त नहि
लजाय
प्रभु जी केलनि
सब उपाय
देलनि जनम जनम
लेल मिलाय
एलीह जखन धनि
प्रथम मिलम लेल
गेली बहुत सिकुचाइ
हे प्रभु जी करू
ने कोनो उपाय
संजय झा "नागदह"
दिनांक ०६/०८/२०१४
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें