हे मातृभूमि मिथिला
शत- शत नमन ,
हे मिथिला,
शत- शत नमन
चाही नै ऊटी ,
नै चाही हमरा शिमला,
अन्तर्द्वन्द के जाल में,
फँसल अछि अपन मिथिला,
आब नै सहू यौ मैथिल,
स्वाभिमान पर अछि हमला,
शान्त होऊ हे कोशी,
शान्त होऊ हे कमला,
माँ जानकी के धाम छी मिथिला
मंडन - अयाची के गाम छी मिथिला ,
हे मिथिला,
शत- शत नमन-----
Ramanath Jha
शत- शत नमन ,
हे मिथिला,
शत- शत नमन
चाही नै ऊटी ,
नै चाही हमरा शिमला,
अन्तर्द्वन्द के जाल में,
फँसल अछि अपन मिथिला,
आब नै सहू यौ मैथिल,
स्वाभिमान पर अछि हमला,
शान्त होऊ हे कोशी,
शान्त होऊ हे कमला,
माँ जानकी के धाम छी मिथिला
मंडन - अयाची के गाम छी मिथिला ,
हे मिथिला,
शत- शत नमन-----
Ramanath Jha
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें