Swabhiman
आब जीबे क की करब,
जखन स्वाभिमाने नै रहल!
अपन पहिचान रहितो,
दोसरक पहिचान ल जीबे छी!!
आब जीबे क की करब,
जखन मातृभूमि सँ दूर भेलौ!
अपन खेत पथार रहितो,
दोसरक खेत पटबै छी!!
आब जीबे क की करब,
जखन मातृभाषा बिसरलौँ!
अपन समृद्द भाषा रहितो,
दोसरक बोली बजै छी!!
:गणेश कुमार झा "बावरा"
जखन स्वाभिमाने नै रहल!
अपन पहिचान रहितो,
दोसरक पहिचान ल जीबे छी!!
आब जीबे क की करब,
जखन मातृभूमि सँ दूर भेलौ!
अपन खेत पथार रहितो,
दोसरक खेत पटबै छी!!
आब जीबे क की करब,
जखन मातृभाषा बिसरलौँ!
अपन समृद्द भाषा रहितो,
दोसरक बोली बजै छी!!
:गणेश कुमार झा "बावरा"
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