दहेज मुक्त मिथिला -
आत्मालोचना लेल बाध्य करी एहि कूप्रथाक पोषककेँ - स्वयं स्वच्छ तँ दुनिया स्वच्छ, पहिले स्वयं एहि लोभरूपी जंजालसँ मुक्त बनी, तदोपरान्त संसार स्वत: सुन्दर बनय लगैत छैक।
एहि अभियानमे सदस्यक भूमिका:
*दहेज मुक्त विवाह केनिहारकेँ समाजिक सम्मानसँ सम्मानित केनाय।
*हर बेटी लेल समुचित शिक्षा आ आत्मनिर्भरता लेल अभियान संचालन।
*मैथिली भाषा ओ मिथिला संस्कृतिक संरक्षण लेल सामूहिक प्रयास।
*प्रवासी मैथिल सबकेँ एक केनाय आ मिथिला-मैथिली सहित वैवाहिक परिचय सभा आयोजन।
*मिथिलाक विभिन्न धरोहर लेल स्वयंसेवासँ संरक्षणक प्रयास
मिथिलाके कर्मठ सेवक जे किछु करय लेल प्रतिबद्ध छथि - हिनका लोकनिक एक एहेन पहल थीक जाहिमें अपने लोकनि सदस्यता लैत एहि मूहिम के आगू बढबैत मिथिलाके हरेक गाम सऽ लऽ के संपूर्ण विश्व भरि मैथिल के प्रत्येक वासस्थल तक एकर प्रभाव पहुँचैक आ मिथिला दहेज मुक्त बनैक - से एकजूट प्रयास करी।
दहेज के स्वच्छ स्वरूप जे स्वेच्छा सँ बेटीके माय-बाप-अभिभावक बेटीके विवाहके अवसर पर अपन बेटी-जमाय-सासूरके परिवार लेल दैत छैक - मुदा आजुक एहि युगमें दहेज माँगरूपी दानव बनल अछि आ समग्र मिथिलाके विकासके प्रमुख अवरोधक बनल अछि... एकरा सऽ मुक्ति पबैक लेल स्वस्फूर्त जागृतिके आवश्यकताके सभ गोटे बूझी।
दहेज मुक्त मिथिला नहि सिर्फ फेशबुक के पेज पर बल्कि यथार्थमें कार्यरत एक एहेन सामूहिक मूहिम थीक जाहिमें अपनेक व्यक्तिगत सहयोग के परम आवश्यकता छैक। इ संस्था मुख्यतः सदस्य द्वारा आपसमें जमा कैल कोष सँ केवल कार्यक्रमके आयोजन करैत अछि, आ एहि संस्थाके कोनो एहेन इच्छा नहि छैक जे चन्दाके धन्धा करय वा किनको ऊपर जबरदस्ती कोनो अपन विचार के थोपय। स्वेच्छा सँ जुड़निहार प्रति इ संस्था आभारी रहत।
एहि संस्थाके प्रथम स्लोगन निम्न प्रकार अछि:
यौ मैथिल बंधुगण! आउ सभ मिलि एहि मंच पर चर्चा करी जे इ महाजाल सँ मिथिला कोना मुक्त होयत! जागु मैथिल जागु..!!
अपन विचार - विमर्श एहि जालवृत पर प्रकट करू! संगे हम सभ मैथिल नवयुवक आ नवयुवती सँ अनुरोध करब, जे अहीं सबहक प्रयास एहि आन्दोलन के सफलता प्रदान करत! ताही लेल अपने सभ सबसँ आगा आओ आ अपन - अपन विचार - विमर्श एहि पर राखू....
एक बेर एहि जालवृत पर जरुर पधारी...
Pankaj Jha -
विवाह एक टा एहन सम्बंध जतय दू आत्मा के मेल स प्रकृति सञ्चालन लेल प्रेम आ मर्यादा के संग मनुष्य जीवन के सार्थक करवाक एक टा विधा. मुदा इ पवित्र रश्म के आर्ह में मांग रूपी दहेज़ के एक दोषर के देखा देखि कुप्रथा बनावल गेल. समाज इ कुरीति स ग्रषित और त्रस्त अइछ. समस्त मैथिल भाई बंधू स अनुरोध जे दहेज़ मुक्त मिथिला द्वारा दहेज़ रूपी कुप्रथा के समाप्त करवाक जागरूकता अभियान में जूरी. "दहेज़ नई लेब नई देब", "बेटी के शिक्षा दय स्वाभिमानी बनायब", "बेटा बेटी एक समान दुनु के एकहि सम्मान".
Murli Dhar -
दहेज रूपी कलङ्क सं मुक्ति पाव लेल समाजक प्रत्येग वर्गकें द्रिढ सङ्कल्पित हेवाक आवश्यकता छैक। अहि विषय पर अहि तरहक सङ्गोष्ठि आत्म चिन्तन मन्थन केनाई सामाजिक दाईत्वक निर्वाह केनाई अति आवश्यक अछि। कहावत छैक जे, डिबिया तर अन्हार,,,,,,अपनाके मनुष्यमे सर्व श्रेष्ठ मनुष्य सावित क'र वला वर्ग अपने बेटा बेटी'के मोल भाव बोली,,, दहेज'क मण्डी मे (करैत) लगवैत छथि। अहि सं बैढ'क बेसी भावनात्मक अत्याचार वा नीच कार्य दोसरो कोनो भ सकैत छै,,,,? जय मिथिला।
दिनांक १६/०२/२०१४ रवि दिन दुपहर १ बजे सँ जरी मरी माँता मंदिर, वर्ली हिल रोड, वर्ली नका, कंपा कोला गल्ली, वर्ली, मुम्बई -१८ संपर्क ९८२१७१६७९६ जागर आबि. समाज के सार्थक दिशा में बढ़े में अपनेक सहयोग अनुमोल हेत. धन्यबाद.
एक बेर एहि जालवृत पर जरुर पधारी...
दहेज़ मुक्त मिथिला...
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