संगोष्ठी - "मिथिला राज्य निर्माण आन्दोलन: दशा आ' दिशा" आयोजक : मिथिला राज्य निर्माण सेना -
एकमात्र संकल्प ध्यान मे -
मिथिला राज्य हो संविधान मे
स्थान : डिप्टी स्पीकर हॉल, कांस्टिट्यूशन क्लब (पटेल चौक मेट्रो स्टेशन सं नजदीक) नई दिल्ली। |
मिथिला राज्य मांग के औचित्य के सब स प्रमुख आ आम जनभावना स जुरल एके टा कारण कि अगर मैथिलि के अस्मिता बचेबाक अइछ, अगर माँ मैथिलि के सम्मान के रक्षा चाहे छी, अगर मिथिलाक धरोहर के स्थापित कराय चाहैत छी, अगर मिथिलाक संस्कृति के जीवित रखे चाहैत छी, अगर मातृभाषा, मैथिलि साहित्य के आ मातृभाषा में शिक्षा के महत्व स्थापित करय चाहैत छी, अगर मिथिला में रोजगार के अवशर ठार करय चाहैत छी, अगर मिथिला के कृषि विकाश के प्रोत्साहित करय चाहैत छी, अगर मिथिला के संसाधन के सदुपयोग चाहैत छी त बिना मिथिला राज्य के सम्भव नई....पिछला ६५ वर्ष में जहा सरकार मिथिलाक उपेक्षा केलक तहिना मिथिलाक किछु स्वेम्भू नेता जी सब अपन गुणगान के प्राथमिकता आ एक दोषर के छीटा कासी संग आंदोलन के कमजोर केला. मिथिला राज्य वर्त्तमान के मांग नई आजादी के पहिने सॅ मांग होइत रहल. कोनो राज्य के मांग के लेल जतेक उचित आ जरुरी मुद्दा हेबाक चाही सब मिथिला राज्य के लेल प्रयाप्त नई बल्कि तहु सॅ बेसी उचित अइछ.
मिथिला क्षेत्रक उपेक्षा आब किनको सॅ छुपल नई अइछ. आब अई लेल डेटा के जरुरत नई. इ बात
मिथिला क्षेत्रक उपेक्षा आब किनको सॅ छुपल नई अइछ. आब अई लेल डेटा के जरुरत नई. इ बात
-बिहार गीत में बिहार सरकार द्वारा मिथिला के उपेक्षा,
-केंद्रीय विश्वविद्यालय के मिथिला सॅ अन्तः स्थान्तरण,
-मैथिलि सिनेमा के कर मुक्त नई करब,
-आई तक भारत के सम्मान बढेवा बल दरभंगा में हवाई अड्डा के सुचारु नई करब,
-पुनौरा धाम जे कि सीता के जन्म भूमि थीक ताहि संग समस्त मिथिला के धार्मिक स्थल के विकाश स मुह मोरब,
-प्राथमिक शिक्षा में उच्चतम न्यायलय के आदेश के बादो मैथिलि के अनिवार्य नई करब,
-उर्दू आ बंगाली के लेल शिक्षक के बहाली मुदा मैथिलि के लेल कोनो सोच नई ,
एवं प्रकारे सदेव हर डेग पर मैथिलि के उपेक्षा.
जागु मैथिल जागु नई त पहचान मिटा जायत
https://www.facebook.com/events/240959019400154/?source=1
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें