dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शुक्रवार, 24 मई 2013

मिथिला राज्य निर्माण यात्रा: जन सरोकार आ जन-जागृतिक अचूक मंत्र



मिथिला राज्य निर्माण यात्रा: जन सरोकार आ जन-जागृतिक अचूक मंत्र
एहि पोस्ट द्वारा रथ-यात्रा वृतान्त केँ परिकल्पना कागज पर उतारबाक प्रयास कय रहल छी जे आगामी समय में रथ-यात्री अभियानी 'मिथिला राज्य निर्माण सेना'क वीर-पुरुष लेल सेहो काजक होयत। मार्गदर्शन लेल मानचित्र पूर्व यात्रा आ जनता संग सहकार्यक आधार पर कैल जा रहल अछि।

समय भोरे ५ बजे वसुधाक ओ महत्त्वपूर्ण भूभाग जतय साक्षात् जगज्जननी सिया अवतरित भेलीह - अवतारक प्रसंग सर्वविदिते अछि जे रावणक अत्याचारी अहंके बध करबाक लेल मायारूपी जगदम्बिका सीतारूपमें जनकनन्दिनी बनि लीला कयलीह; ताहि पुनौराधाम (सीतामढी) सँ रथयात्री अपन-अपन धर्म अनुरूप ईश्वरकेँ प्रार्थना (सजदा) करैत यात्रा प्रारंभ करताह। उपस्थित जनमानसकेँ रथयात्री द्वारा संबोधन करैत सामान्य जनमानसहि सँ कोनो बुजुर्ग आ प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता द्वारा पुनौराधामक विकास संग ओहि क्षेत्रक आम-जनताक माँग सूची सेहो प्राप्त करताह आ तदनोपरान्त यात्रा आगू बढत। पुन: सार्वजनिक महत्त्वके कोनो भूमिपर रथ रुकैत जन-जनसँ गला-मिलानी करैत, हाथ जोडि प्रार्थना करैत मिथिलाक खसैत अस्मिता आ पिछडल विकासक चर्चा करैत ओहि गाम-ठामक सरोकारक सूची ग्रहण करैत आगू बढैत चलता। हरेक ५० कि.मी. के यात्रामें कोनो एक जगह जनसभाक आयोजन कैल जायत। ओहि जनसभामें कोनो एक स्थानीय अभिभावककेर नेतृत्वमें विचार-गोष्ठी कैल जायत जेकर विषय 'भारतीय गणतंत्रमें मिथिलाक स्थापना: मिथिला राज्य निर्माण' होयत। विचार पक्ष या विपक्ष दुनू के समेटल जायत। प्रस्तावना सहित के रजिस्टर पर जनमानसकेर उपस्थिति जगह-अनुरूप, नाम, सम्पर्क आ हस्ताक्षर लेल जायत। पुन: ओहि जनसभामें एक प्रश्नावली जे विषयपर लिखित विचार लेबाक दृष्टिकोणसँ होयत ताहिपर जनमानसके प्रतिक्रिया संकलन कैल जायत, एहि पर्चीमें लोकक नाम, फोन नं. आ विचार जे मिथिला राज्य चाही वा नहि तेकर निर्णय लिखित रूपमें रहत आ गुप्त रूपमें बैलट-बक्समें संग्रहित कैल जायत जेकर गिनती यात्राक अन्तमें कैल जायत आ ओकरा जनादेश मानल जायत। तहिना रथयात्रा एक यज्ञ रूपमें सत्याग्रह थिकैक ताहि लेल सभक आर्थिक अनुदान लेल सेहो दान-पेटीक प्रयोग कैल जायत आ जिनका जे श्रद्धा हेतन्हि से योगदान देताह। मिथिला राज्य निर्माण सेनामें जे कियो सहभागी बनय लेल इच्छूक हेता आ गाम-गाममें संगठन विस्तारक आवश्यकता देखैत एहि लेल अनुरोध करैत नाम जोडल जायत। मिथिला राज्य निर्माण परिषद् के सदस्यता नाममात्र (१० रुपया) शुल्क पर्ची काटैत कैल जायत। यात्रा विश्राम कोनो मन्दिर या मस्जिद या आमजनक उपकारी स्थल पर ग्रामीणक सहयोग सँ कैल जायत। रात्रि भोजन व विश्राम सँ पूर्व सेहो विचार गोष्ठी आ उपरोक्त समस्त प्रक्रिया निरंतर रूपमें कैल जायत। जन-जन के विचार लेबाक लेल उपरोक्त प्रक्रियासँ अतिरिक्त आरो प्रभावी उपाय अपनेबाक योजना अछि। सत्याग्रही लेल कोनो बात विरोधाभासी नहि होइत छैक, समर्थन या विरोध सभ किछु एकसमान होइत छैक - ताहि हेतु विचार प्रकट करबाक स्वतंत्रता समस्त जनमानसकेँ देल जायत। सत्याग्रहीक विचार केकरो पर थोपल जयबाक या केकरो विचारधारा या सिद्धान्तक विरोध लेल कम बल्कि भारतीय संविधानमें जन-गणकेर सरोकारक बात राखब आ मिथिला समान ऐतिहासिक संस्कृतिक संरक्षण लेल राज्य निर्माण जरुरी कहि जन-जनकेँ अपन आगूक संघर्ष लेल प्रेरणा संचरण कैल जायत। पुन: दोसर दिनक कार्यक्रम जाहि सँ दोसर जिलाक यात्रा उचित समयसँ पूरा हो ताहि तरहें भोरे ७ बजे सँ नित्य प्रारंभ करैत सूर्यास्त होइत-होइत समुचित स्थानपर यात्राक रात्रि-विश्राम देल जायत। हरेक जिला सँ विभिन्न राजनीतिक दल आ समाजसेवीक समुचित सहभागिता पर विशेष बल रहत, जाहि सँ सभक विचार ग्रहण करैत एकजूट प्रयास सँ मिथिला राज्य निर्माण लेल संघर्ष जमीन पर चलत से विचार अछि।

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