मिथिला : बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिथिला मेँ आयोजित प्राय: प्रत्येक सभा
मे बेर बेर कहैत छैथ जे "जेना बिहारक विकासक बिना भारतक विकास नहि भऽ
सकैत अय तहिना मिथिलाक विकासक बिना बिहार विकास संभव नहि अछि"। हरेक बेर
मुख्यमंत्री कहैत छैथ जे "मिथिलाक सर्वाँगीण विकास होएत"। जौँ ओ इ गप्प
केँ सह्रदय स्वीकार करैत छैथ तखन फेर बिहारमे मिथिलाक इ दुर्दशा कियैक ?
बिहारक न्यूनतम साक्षर जिला, पूर्णिया (52.49% ),न्यूनतम पुरुष साक्षर
जिला, कटिहार (60.99% ),न्यूनतम महिला साक्षर जिला, सहरसा(42.73%),बिहारक
न्यूनतम साक्षर पांच टा जिला - पूर्णिया, सीतामढ़ी, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा आ
बिहारक सर्वाधिक साक्षर जिला, रोहतास(75.59% ),सर्वाधिक पुरुष साक्षर
जिला, रोहतास(85.29% ),सर्वाधिक महिला साक्षर जिला, मुंगेर(65.33%),बिहारक
सर्वाधिक साक्षर पांच टा जिला-रोहतास, मुंगेर, भोजपुर, आओर गाबाद,पटना।इ
जनगणना 2011 के अंतरिम रिपोर्ट अय।अय रिपोर्ट सऽ ज्ञात होय अय जे
मिथिला,साक्षरता मेँ बिहार सऽ पाछू अय।बिहार सरकार एकरा लेल किछु नय किछु
जरुर जिम्मेवार अछि। बिहार सरकार के चाही जे बिहारक अंर्तगत आबय वला मिथिला क्षेत्र मेँ
साक्षरताक प्रतिशत बढ़ाबय लेल प्रारंभिक शिक्षा ओकर अपन मातृभाषा अर्थात्
मैथिली मेँ दियौबैथ।अल्बर्ट आइंस्टीन तक मातृभाषा मेँ शिक्षाक पक्षधर
छलैथ मुदा बिहार सरकार की सोचय छै,की जानि!बिहार मेँ मैथिली एकटा प्रमुख
भाषा अय तखन फेर बिहार सरकार उर्दू आ बांग्लाक शिक्षकक नियुक्ति कय रहल
अय मुदा मैथिलीक शिक्षकक नय!आय धरि मैथिली बिहारक दोसर राजभाषा नहिँ बनि
सकल हँ।1980 ई॰ मेँ जखन बिहारक तत्कालीन मुख्यमंत्री डा॰ जगन्नाथ मिश्रा
उर्दू के बिहारक दोसर राजभाषा के दर्जा देलखिन तखन हुनक कहब छलन जे उर्दू
संविधानक अष्टम् अनुसूची मेँ शामिल अछि मुदा मैथिली नहिँ,ताहि कारणवश
बिहारक दोसर राजभाषा उर्दू भेल मुदा आब तऽ मैथिली संविधानक अष्टम्
अनुसूची मेँ शामिल भऽ गेल हँ तखन आब मैथिली के बिहारक दोसर राजभाषा बनाबय
मेँ की दिक्कत ?
मे बेर बेर कहैत छैथ जे "जेना बिहारक विकासक बिना भारतक विकास नहि भऽ
सकैत अय तहिना मिथिलाक विकासक बिना बिहार विकास संभव नहि अछि"। हरेक बेर
मुख्यमंत्री कहैत छैथ जे "मिथिलाक सर्वाँगीण विकास होएत"। जौँ ओ इ गप्प
केँ सह्रदय स्वीकार करैत छैथ तखन फेर बिहारमे मिथिलाक इ दुर्दशा कियैक ?
बिहारक न्यूनतम साक्षर जिला, पूर्णिया (52.49% ),न्यूनतम पुरुष साक्षर
जिला, कटिहार (60.99% ),न्यूनतम महिला साक्षर जिला, सहरसा(42.73%),बिहारक
न्यूनतम साक्षर पांच टा जिला - पूर्णिया, सीतामढ़ी, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा आ
बिहारक सर्वाधिक साक्षर जिला, रोहतास(75.59% ),सर्वाधिक पुरुष साक्षर
जिला, रोहतास(85.29% ),सर्वाधिक महिला साक्षर जिला, मुंगेर(65.33%),बिहारक
सर्वाधिक साक्षर पांच टा जिला-रोहतास, मुंगेर, भोजपुर, आओर गाबाद,पटना।इ
जनगणना 2011 के अंतरिम रिपोर्ट अय।अय रिपोर्ट सऽ ज्ञात होय अय जे
मिथिला,साक्षरता मेँ बिहार सऽ पाछू अय।बिहार सरकार एकरा लेल किछु नय किछु
जरुर जिम्मेवार अछि। बिहार सरकार के चाही जे बिहारक अंर्तगत आबय वला मिथिला क्षेत्र मेँ
साक्षरताक प्रतिशत बढ़ाबय लेल प्रारंभिक शिक्षा ओकर अपन मातृभाषा अर्थात्
मैथिली मेँ दियौबैथ।अल्बर्ट आइंस्टीन तक मातृभाषा मेँ शिक्षाक पक्षधर
छलैथ मुदा बिहार सरकार की सोचय छै,की जानि!बिहार मेँ मैथिली एकटा प्रमुख
भाषा अय तखन फेर बिहार सरकार उर्दू आ बांग्लाक शिक्षकक नियुक्ति कय रहल
अय मुदा मैथिलीक शिक्षकक नय!आय धरि मैथिली बिहारक दोसर राजभाषा नहिँ बनि
सकल हँ।1980 ई॰ मेँ जखन बिहारक तत्कालीन मुख्यमंत्री डा॰ जगन्नाथ मिश्रा
उर्दू के बिहारक दोसर राजभाषा के दर्जा देलखिन तखन हुनक कहब छलन जे उर्दू
संविधानक अष्टम् अनुसूची मेँ शामिल अछि मुदा मैथिली नहिँ,ताहि कारणवश
बिहारक दोसर राजभाषा उर्दू भेल मुदा आब तऽ मैथिली संविधानक अष्टम्
अनुसूची मेँ शामिल भऽ गेल हँ तखन आब मैथिली के बिहारक दोसर राजभाषा बनाबय
मेँ की दिक्कत ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें