मिथिला राज्य लेल संघर्ष आ संघर्ष मे लागल मैथिल आ संगठन
आन्दोलन मे ऐबाक उद्देश्य इहो रहय " मिथिला राज्य लेल संघर्ष आ संघर्ष मे लागल मैथिल आ संगठन के एका "। क्रमशः एका बनय आ से होईत प्रतीत भ रहल अईछ।
एहि कार्यक्रम मे जे रहथि मैथिल रहथि। अप्पन पार्टी आ बिचारधारा स उप्पर उठी के एकटा मैथिल मात्र आर किछो नहि।
आरंभिक कन्नारोहट आ अप्पन अप्पन क्वाथ के बोकर्लाक उपरांत शुद्ध भय सब मैथिल सभक बिचार रहय जे एहि आन्दोलन के एक भ'य उद्देश्य लेल लाड़ल जाई।
प्रवीन भाई के बैजू बाबू सँ सेहो गप्प भेलैन, ओहो आशीर्वाद देलाह आ हुनक समर्थन सेहो भेटल (प्रवीन भाई के वार्तानुरुप आ उपश्थित अमरेन्द्र भाई के कथनानुसार )।
ज्ञात हो की एहि आन्दोलन के एकटा मैथिल बनि लड़बाक निर्णय के सर्प्रथम समर्थन पूज्य धनाकर बाबू आ आदरनीय रत्नेश्वर बाबू केने रहथि आ संस्थाक रूप मे AMP के पूर्णिया ईकाई केने अछि।
आन्दोलन मे अनशन के एहि अध्याय के संचालन लेल प्रवीन भाई आ दिवाकर भाई मे नीक बहस आ सार्थक बर्तालाप के परिणाम सुखद रहल जे सब अप्पन अप्पन बेदना के मुखर भ' क' रखलाह आ प्रस्ताब रहल जे:
* मिथिला राज्य के निर्माण आ मिथिला मैथिली मैथिल के बिकाश के आधारभूत कारक मानि आन्दोलन के आगाँ बढेबाक आवश्यकता अईछ।
* समग्र मिथिला राज्य के माँग के छोड़ी, भारत मे मिथिला राज्य के माँग के लक्ष्य कयल जाई।
* आन्दोलन international border के आदर करैत नेपाल स्थित अप्पन मैथिल स्वजन के लेल संबेदना के प्रति सदैब कटिबद्ध रहय, जेना नेपाल स्थित मैथिल छथि।
अस्मिताक संघर्ष दुनू दिस चलि रहल अईछ।
* आन्दोलन ब्यक्ति स उप्पर उठी कय हो उद्देश्य लेल हो, मैथिल के संगठित आ एकाकार करबाक माद्दा मात्र मुद्दा मे अछि आ ताहि हेतु मुद्दा भेल नायक।
समस्त आन्दोलन के स्वाभाबिक प्रतिनिधित्व मिथिला राज्य निर्माण के उद्देश्य हो।
* कहब बहुत आवश्यक नहि जे आन्दोलन मे समस्त मैथिल संगठन के समर्थन देबाक लेल आग्रह करबाक बिचार भेल।
* उद्देश्य के साधबाक लेल Joint Committee बनेबाक प्रस्ताब भेल।
* अनशन के उपरान्त मिथिला राज्य निर्माण लेल एकटा joint memorendum देबाक बिचार भेल, से हो कोना ई बिचार के बिषय रहल।
* प्रवीन भाई आन्दोलन के एहि गुटनिरपेक्ष स्वरुप के अधिक स अधिक मैथिल तक पहुँचेबाक सार्थकता पर जोर देलाह।
हम एतबे कहब मिथिला आ मैथिली सब मैथिलक के छी, चाहे ओ कतुको होथि, बजैत कोनो भाषा होथि मुदा ह्रदये मैथिल होथि।
मिथिला राज्य के निर्माण के एहि महायज्ञ मे अप्पन भूमिका निर्धारण पर बिचार करू, इतिहास के बनबा के प्रक्रिया मे अप्पन योगदान पर बिचार करू।
समय आबी गेल जे "मूक दर्शक के भुमिका के तलांजलि दय इतिहास निर्माण मे आबी, अप्पन मैथिली बचाबी, अप्पन मिथिला बनाबी"
जय मिथिला !! जय मैथिली !! जय मैथिल !!
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