dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शनिवार, 12 जनवरी 2013

युवा मैथिल भेल पृथक मिथिला राज्य के लेल आगू ( डेल्ही जंतर - मंतर -22 मार्च से 25 मार्च - 2013)


युवा मैथिल भेल पृथक  मिथिला राज्य के  लेल  आगू ( डेल्ही जंतर - मंतर -22 मार्च से 25 मार्च - 2013)    
    प्रीय मैथिल,
मिथिला राज्यक लेल चारि दिनक अनशन एहि बातक घोतक अछि जे,सार्थक्ता आब एहि आंदोलन सँ जुड़ि रहल अछि। ई कोनो साधारण निर्णय नहि अछि अपितु,पांडित्य आ परीधीक आवरण तोरि आब आंदोलन अपन सार्वभौमिकताक दीश अग्रसर बुझना जाइत अछि।एहि मे कोनो शंका नहि अछि जे,दशियों सँ काबिल आ कर्मठ लोक मैथिली आ मिथिलाक आंदोलनक आधुनिक स्वरूप के संरक्षन दैत रहलाह मुदा आब एहि स्वरूप के परीधीक दायरा सँ बान्हल नहि राखल जा सकैत अछि आ तैं हम पुर्ण रूपें एहि अनशन के समर्थन करैत छी। इश्वर हुनका एहि कठिन निर्णयक काल मदद करैथि।प्रवीण जी, अहिंक पोस्ट सँ हमरा ई समाचारक ग्याँत भेल तैं हुनकर नाम जानबाक इक्षा हमरा जरूर अछि।
एहन बहुतो लोक छथि जे,सक्षम छथि मिथिलाक एतिहासिक दृष्टिपटल पर अवतरित होयबाक लेल।सूचना क्रांतिक एहि दौर मे हमरे अहाँ के हिनका आगू बढेबाक साधन तैयार करय पड़त आ तखने ओहि परीधी आ परिसीमा सँ हम एहि आंदोलन के बाहर निकालि सकैत छी।हमर मन्तव्य सँ ई तातपर्य नहि होयबाक चाही जे,कियो ओहि परीधीक निर्माणक दोषी छथि मुदा एहि काल मे सबहक सहभागिकताक जरूरत अछि आ एहि समय हम व्यापकतताक विरोधी नहि भय सकैत छी।
हम याद दियाबी जे,८ जनवरीक कमला नेहरू लाइब्रेरीक मिथिलांचल विकास सेनाक कार्यक्रम के ओहि ठामक मिडिया अधिक रास सराहना कैलन्हि अछि।ई खुशीक गप्प अछि जे मिडियो तत्पर छथि एहन तरहक आंदोलन के अमली जामा पहिरेवाक लेल। एहि मे रत्नेशवर झा जीक,मिथिला मुक्ति मोर्चाक सरोज झा जीक,प्रवीण जीक ओ सनेस जे आदित्य जीक माध्यम सँ प्रसारित भेल आ खास क हम सब सँ बेसी प्रभावित भेलहुँ आदित्य जीक नैन्ह कालक तेज आ कर्मठता सँ। आदित्य जी हमर बेटाक तुरिया छथि ओ १२वीं मे छथि मुदा हुनकर अदम्य शाहस आ विद्दुता समस्त मिथिलांचलक मष्तक के गौरवान्वित कय सकैत अछि। मुदा हमरो अहाँक कर्तव्य अछि जे एहि नव पौध के संरक्षण प्रदान करी।
हम समस्त मैथिल चाहे ओ कोनो संगठन वा संस्था सँ जुड़ल छी अपन मात्रीभूमिक रक्षार्थ आगू आयल छी। ककरो कम आ बेसी योगदान सँ जतेक एहि लड़ाई के नहि लड़ल जा सकैत अछि ताहि सँ बेसी समस्त मैथिलक समानैतिक सोच आ सम-भाव सँ। तैं हम समस्त मैथिल सँ आग्रह करब जे कवि एकांत जीक अनशन के समर्थन करी आ आदित्य जी सन मैथिल पुत्र के प्रतिभाक अवलोकन जरूर होयबाक चाही। हमरा गर्व अछि जे हम मैथिल छी आ माँ जानकी सँ ऎह कामना जे,हमर अनेको जन्म एहि मा्त्रीभूमिक सेवा मे समर्पित होयबाक प्रेरणा सँ ओत-प्रोत हो। जय मिथिला,जय मैथिली।

घर- घरमें चूल्हि जरय हर हाथके काज चाही
अप्पन सरकार हो, हमरा मिथिला राज चाही

डोम-चमार-पासवान,मुसहर-सोनार-मुसलमान
मैथिल- अभिमान युक्त सर्वहारा समाज चाही

धर्म कर्म मर्म ज्ञान , हम बांटि देलहुं दुनियाके
पूजा पाठ अजान संग तिरहुतिया नमाज चाही

पूरब पच्छिम दलान, उत्तर दक्खिन मचानसं
देश-संसदमें गूंज हो ,जोर मैथिल आवाज चाही

------------------भास्कर झा 

एक युवा मिथिला राज्यलेल कैल जा रहल माँग हेतु धरनामें तीन बेर सहभागी बनैत छथि आ हुनका हृदयमें जागृति जगैत अछि जे हमहुँ किछु करी - एवम् प्रकारेन ओ निर्णय करैत छथि जे ४ दिन के अनशन करब। कतेक पैघ बात भेलैक! एहि बात के लेल हुनका आशीर्वाद आ सहयोग के बात नहि कय हजारो तरहक प्रश्न सँ घेरघार कैल जाय, केओ अनुभवहीन कहि अपन अक्खडवादी विचार सँ बेधैथ तऽ केओ औकात सऽ बेसी खोंखी करैत कहैथ जे फल्लाँ रहता तऽ हम या हमर संस्था सहयोग नहि देत, आदि-आदि!

तहिना दोसर युवा जे देखैत छथि बदतर हालत आ दयनीय अवस्था सँ निकैल रहल मिथिला राज्य लेल धरना प्रदर्शन, लेकिन गप देखैत छथि गंभीरादेवी के जितैत तऽ हुनको मन में उद्वेग लैत छन्हि जे धू! ई किदैन-कहाँदैन भऽ रहल अछि आ वास्तविकत लडाई नहि बस सांकेतिक नाममात्र लेल आन्दोलन चलि रहल अछि। तऽ कि मिथिला राज्य सचमें चाही, आ कि बस धूरखेल भऽ रहल अछि? हिनकर जिग्यासा के सेहो शान्त करबाक लेल बेईमानी आ धूरखेल बन्द करैत एक गंभीर प्रयास के आवश्यकता छैक। कहियो युवावस्थामें शुरु कैल मिथिला-मैथिली लेल लडाई आब वृद्ध हड्डी बनि के रहि गेल छथि, लेकिन मिथिला राज्य के माँग कतेक दूर धरि सफलता पौलक तेकर कोनो लेखा-जोखा किनकहु लग नहि। बात बुझू! आम मैथिल तक कोनो आन्दोलन के चर्चो तक नहि पहुँचल। बहुत बात छैक। आत्ममंथन करय वाला बात थिकैक ई सभ। मिथिला राज्यके मजाक जुनि बनाउ। मिथिलाक अस्मिता के जोगेबाक लेल शीघ्रातिशीघ्र किछु करबाक बात टा करू। तकनीकी बात सभ अहाँ सभक मुँह सँ शोभा नहि पबैछ। दुनियामें जेकरा अपन इज्जत के खयाल छैक से संगठित भऽ के लडलकैक आ तदोपरान्त न्याय पेलकैक। अहुँ सभ न्याय लेल लडू। जनता नहि बुझि रहल अछि ताहि लेल जे मोन में अबैत अछि से कय लैत छी आ नाम दऽ दैत छियैक जे धरना केलहुँ..... से युवा में जे कर्मठ विचारधाराके अछि तेकरा सभके नीक नहि लगैत छैक। काज करय पडत। आब अहाँ सभ युवा के आगू राखि के काज करू आ देखियौक जे कतेक जल्दी मौसममें परिवर्तन अबैत छैक।

जखन ठानि लेलहुँ किछु खास करब
तऽ मानि जाउ किछु भऽ के रहत!
बड भेल धूरखेल सँकेत लडाइ
आब अन्तिम बेर कर जोडैत छी!
सहिष्णु मैथिल शान्तिक पूजारी
जुनि क्राँति शाँति सँ खूनी बनय!
चलय कलम सदिखन मानव
लेकिन मैथिलक पहचान बनय!
राज्य मिथिलाक बस एक उपाय
जे बनि के रहय, जे बनि के रहय!

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