dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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सोमवार, 10 सितंबर 2012

मणिपद्म जयन्तीपर दिल्लीमे मिथिलांगन द्वारा कवि गोष्ठी ९ सितम्बर २०१२ केँ सम्पन्न(रिपोर्ट पूनम मण्डल)

-मणिपद्म जयन्तीपर दिल्लीमे मिथिलांगन द्वारा कवि गोष्ठी ९ सितम्बर २०१२ केँ सम्पन्न
-कवि गोष्ठीक संचालन मानवर्धन कण्ठ केलनि।
-कुमार शैलेन्द्रक कविता पाठक दौरान दर्शक दीर्घासँ अभद्रतापूर्ण टोका-टोकी भेल। शुरूमे कुमार शैलेन्द्र टिप्पणी केने रहथि जे महेन्द्र मलंगिया जी कविता नै लिखै छथि। मंचपर कुमार शैलेन्द्रक टिप्पणी छल जे कविता नै लिखिनिहार नीक नाटक नै लिखि सकैए। तकर बाद महेन्द्र मलंगियाजी बिनु कविता पढ़ने  उठि कऽ चलि गेलाह। तकरे बदलामे कुमार शैलेन्द्रक कविता पाठक दौरान दर्शक दीर्घासँ अभद्रतापूर्ण टोका-टोकी भेल। जातिवादी रंगमंचक दू ग्रुपक बीच भऽ रहल ऐ घटनाक्रमक बाद संचालक शान्ति बनेबाक अपील केलन्हि। तकर बाद टोका-टोकी केनिहार पाँचो व्यक्ति सेहो किछु कालमे चलि गेला।
-रवीन्द्रनाथ ठाकुर, मुन्नाजी, विनीता मल्लिक, मानवर्धन कण्ठ , कुमार शैलेन्द्र, रमण कुमार सिंह आदि कविता पाठ केलन्हि।



·        Satya Narayan JhaPoonam Mandal and Indra Bhushan Kumar like this.
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Sanjay Choudhary जे कियो ई रिपोर्ट लिखने छथि ओ सभागार मे उपस्थित नई छलाह । कार्यक्रम बहुत नीक वातावरण आ नीक माहौल मे संपन्न भेल । कुमार शैलेंद्र जी महेंद्र मलंगिया जीक नामो तक नई लेलखिन्ह । रिपोर्ट लिखबला सं अनुरोध जे आँखि मुईन कझटहा नई फेकू अहांक विश्वसनीयता समाप्त भजैत ।
Thursday at 7:03am · Like · 1
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Rawindra Das je kyo ehan reporting karet chi o chahait chi je maithil sab jati ke larai me ojhraol rahathi aa ehin kaj ta bahuto lok ka rahal chathi kala me pit ptrakarita ke kono jagah nai chaik o rajnitikik patrakarita karu aa chadm nam sa nahi likhu
Thursday at 10:41am · Like · 1
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Rawindra Das मुदा एक टा काज ओ बखूबी क रहल अछि आ दिन प्रतिदिन क रहल अछि . ओ काज अछि जातिवादिताक नाम पर झगरा केनाइ साहित्यकार सभ केर खुलेआम फसबूक आ ब्लोगक माध्यम स गारि पढ्नाई
Thursday at 11:43am · Like · 1
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Poonam Mandal संजय चौधरी जीकुमार शैलेन्द्र जी रवीन्द्र सुमनकेँ कहने रहथिन्ह दुनूमे सँ कोनो एक गोटा सँ पुछि लेबहमर समदिया ओतए उपस्थित छल। अहाँ जातिवादी रंमंचसँ जुड़ल छी तेँ अहाँक छटपटाएब निश्चिते,मिथिलांगन केँ जँ अपन प्रतिष्ठा बचेबाक छै तँ अहाँ सन लोकसँ दूरा बनाबए पड़तै। मलंगिया जे मणिपद्मक विषयमे एकांकी संग्रह (साहित्य अकादेमी) मे जे लिखने छथिन्म्हह से अहाँकेँ नै बुझल हएत। पढ़ू आ मलंगिया जीक चरित्रक विषयमे बुझू।
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Poonam Mandal रवीन्द्र दास जी। आँखि मुनि लेलासँ जँ समाधान निकलितै तँ दुनियाँमे कोनो समस्ये नै रहितै। काला आ साहित्यमे मैथिला ब्राह्मण आ कर्ण कायस्थ जै तरहेँ जातिवादी राजनीति कऽ रहल छथि/ केने छथितकर विरोध पीत पत्रकारिता छै। अहाँ आइ.डी. हमरा छद्म बुझा रहल अछि कारण जे अहाँ कॉपी-पेस्ट केने छी (साहित्यकार सभ केर खुलेआम फसबूक आ ब्लोगक माध्यम स गारि पढ्नाई) आदिसे एकटा चोर का "राड़ केँ सुख बलाय" केर लेखक "रोशन कुमार झा"क पोस्ट छिऐ। ओइ चोरकेँ पहिनहिये समदियासँ बैन कऽ देल छै। ओकर कुकृत्य नीचाँक लिंकपर देल अछिhttp://esamaad.blogspot.in/2012/09/blog-post_502.html
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Gajendra Thakur जातिवादी रंगमंच आ ओकर संगी साथी सभक निर्लज्जता आँखि खोलएबला अछि।
 Poonam Mandal जातिवादी रंगमंच जीवन झाक सुन्दर संयोगक मंचन २०१२ मे करैए आ कहैए जे ई पहिल मंचन छिऐ, जखनकि मलंगियाजीक जन्मसँ पहिने एकर मंचन भऽ चुकल अछि। संजय चौधरीजी अहाँ आ अहाँक संगी सभक जातिवादी रंगमंचक आ ओकर संगी साथीक विश्वसनीयता आ रवीन्द्र दासक पीत पत्रकारिता कहिया ने खत्म भऽ गेल देखू लिंक http://maithili-drama.blogspot.in/2012/06/blog-post_29.html
Kumar Shailendra samadiya me chapal riport ekdam galat anuchit aa bhramak achi.Ehan galat prachar nai karbaak chahi. malangiyajee bimar rahathi o aayalo nahi rahathi. ham aa sanjay choudhry hunka ghar par dekhi aayal rahi.Hamar kawitak khoob swagat bhel rahay karan o hamar doo masak darbhanga prawas par kendrit rahay. Samadiya me chapal ripot pardhlak baad hamra pahil khep e bujhba me aayel je videh sa jural lok sab katek grinit abhiyan chala rahal achi.
Poonam Mandal जातिवादी रंगमंचसँ जुड़ल कुमार शैलेन्द्रक झूठ घृणित, आ डरपोक जातिवादी रंगमंच जे चोर रोशन कुमार झा (राड़के सुख बलाए केर लेखक)सन कॉपीराइट चोरक संगी अछि, केर असली चेहरा अछि, जे प्रोग्राम सभमे अभद्रता करैए, एक दोसरासँ लड़ैए मुदा विदेहक विरुद्ध एक भऽ जाइए।

  • Gajendra Thakur कुमार शैलेन्द्र आ आन जातिवादी रंगमंचकर्मीक ई पुरान आदति छन्हि, भोजपुरी-मैथिली अकादेमीक सेमीनार मे कुमार शैलेन्द्र आ किछु आर गोटेक मंचेपर वाक युद्ध हम आँखिसँ देखने छी (प्रायः देवशंकर नवीन संगे), मुदा अगिले सेमीनारमे माहान मलंगिया, महान देवशंकर, महान गुंजन, महान सुभाष चन्द्र यादव आदिक जयघोष सेहो शैलेन्द्र लगेने रहथि, आ तैपर मलंगियाजी देवशंकर नवीनकेँ कहने रहथिन्ह- की भऽ गेलै आइ कुमार शैलेन्द्रकेँ, उलटा धार बहा रहल अछि।


  • Gajendra Thakur झूठपर टिकल अछि जातिवादी रंगमंच। किछु वीडियो ऐ दुनू कार्यक्रमक विदेह वीडियोमे भेटि जाएत, भऽ सकैए नरम-गरम दुनू घटना भेटि जाए।



 
Gajendra Thakur रोशन कुमार झा नाम्ना जातिवादी चोरक संग जातिवादी रंगमंच आ कुमार शैलेन्द्रक साँठ-गाँठ सोझाँ अछि। तखन ककर गप ठीक मानल जाए, झूठ आधारित जातिवादी रंगमंचक वा सत्य आधारित समदियाक??
  • Poonam Mandal ऐ चोरक संगी साथी (शंकरदेव झा, कुमार शैलेन्द्र, अमलेन्दु शेखर पाठक आदि) सभक गपपर विश्वास कएल जा सकैए?









Poonam Mandal अखनो जगदीश प्रसाद मण्डलक रचना जातिवादी रंगमंचक सहयोगीक सह पर ई चोर रोशन झा ऊपरक देल लिंकपर चोरेने अछि।
  • Sanjay Choudhary गजेंद्र ठाकुर जी आ पूनम मंडल जी अहाँ सब गैर जातिवादी रंगमंच ल' क' दुनियाँ के सामने कियेक नई अबई छी


  • Sanjay Choudhary अहाँ सब लग जतेक गैर जातिवादी नाटक अछि हमरा पठा दिय आ संगहि जतेक गैर जातिवादी कलाकार सब छथि तिनको कहियो जे हमरा सब संग आबि क' नाटक करैथ तखने जातिवाद समाप्त हैत । अगर जातिवाद छैक त' ओकरा समाप्त कर' के प्रयास हेबाक चाही ताही लेल सब जाति के लोक सब के मंच पर आब' पड़तय । हमरा सब लग जे कलाकार आ नाटक उपलब्ध रहैत अछि ओही सं काज चलब' पड़ेयै । अहाँ सब गैर जातिवादी कलाकार हमरा खोजि क' दिय अपन गैर जातिवादी कलाकार सब के कहियो जे हमरा सब संग मिल क' काज करत । दिल्ली सन शहर मे नाटक केनाई बहुत जोखिम के काज छैक आरोप लगेनाई बहुत छोट गप होईत छैक अपन रोजी रोटी छोड़ि क' नाटक मे लाग' पडैत छैक । और अहाँ सब सबटा चीज के मटियामेट कर' मे लागल रहै छी । एना हल्ला मचब' सं नीक हैत जे एकटा विकल्प दियौ मैथिली रंगमंच के जे गैर जातिवादी होईक । जातिवाद समाप्त भ' रहल छैक मुदा अहाँ सब ओकरा हावा देब' मे लागल रहै छी । जखन देखू जातिवाद शब्दक ढिंढोरा पिटैत रही छी । अगर सामर्थ अछि त' दिल्ली मे एकटा गैर जातिवादी रंगमंच स्थापित करू हमहूँ ओही रंगमंच सं जुड़ि जैब ।


  • Gajendra Thakur संजय जी, उपरका लिंकपर समानान्तर रंगमंच ( गैर जातिवादी समानान्तर रंगमंच) आ नाटक भेटि जाएत, अहाँ केहेन रंगमंचसँ जुड़ल लोक छी जे अहाँकेँ ई बुझलो नै अछि? ओना ई अहीं टाक नै सम्पूर्ण जातिवादी रंगमंचक समस्या अछि अहाँक ई प्रश्न "अहाँ सब गैर जातिवादी रंगमंच ल' क' दुनियाँ के सामने कियेक नई अबई छी" कूपमंडूकताक द्योतक अछि वा जातिवादी कट्टराक। अहाँ लग गएर ब्राह्मण-गएर कायस्थ किए नै आबि रहल अछि ओइपर सोचू, लोककेँ पठेबै तँ ओ जाएत? पहिने भरोसा कायम करू, की भरोसा काएम कऽ सकल छी? दिल्ली सन शहर मे नाटक केनाइ "विदेह समानान्तर रंगमंचक" मूल उद्देश्य नै छै, कारण विदेहसँ जुड़ल लोक भरि विश्वमे छथि, आ मिथिलामे "विदेह समानान्तर रंगमंचक" होइत अछि, होइत रहत। मैथिली रंगमंचकेँ विकल्प देल जा चुकल छै। जे जातिवादी शब्दावली अहाँक आ अहाँ सन दोसर जातिवादी नाटककारक नाटकमे छन्हि तकर बाद अहाँ सोचियो केना लेलिऐ जे लोक अहाँ सभक घृणाक रंगमंचसँ जुड़त? रोजी-रोटी छोड़ि कऽ समाजकेँ बँटबाक काजमे लगनाइ जँ अहाँक प्रियोरिटी अछि तँ ओकरा (जातिवादी रंगमंचकेँ) जड़िसँ खतम केनाइ हमर प्रियोरिटी अछि, आ से प्रियोरिटी हमरा सभक गामसँ शुरू भेल अछि जतए नेटिव स्पीकर बसै छथि, फण्ड आधारित दिल्ली नै। मराठी नाटक शोलापुर आ मुम्बै आ गुजराती नाटक अहमदाबाद आ भरूच निर्धारित करैत अछि। अहाँकेँ कोना शक भऽ गेल जे मैथिली नाटक दिल्ली निर्धारित करत आ साम्प्रदायिक नाटककार निर्धारित करता? हमरा सभक सामर्थ्य आस्ते-आस्ते अहाँ लोकनिकेँ देखाइ पड़िये रहल अछि, पड़िते रहत, .. फूल्स पाराडाइजसँ हमरा लोकनिकेँ कोनो मतलब नै।




  • Gajendra Thakur आब ऐ रिपोर्टपर घुरी- जातिवादी रंगमंच आ ओकर संगी साथी सभक निर्लज्जता आँखि खोलएबला अछि। गिरगिट सेहो हिनका लोकनिक रंग बदलबाक आ झूठ बजबाक क्षमता देखि लजा जाएत।




  • Poonam Mandal संजय जी, पहिने तँ कुमार शैलेन्द्र, रवीन्द्र दास आदि जे झूठ बाजल छथि ओइ लेल ओ सभ माफी मंगथु, अहूँकेँ सभ गप बूझल छल मुदा अहाँ गपकेँ झाँपै-तोपैक प्रयास केलौं, किए? फेर कुमार शैलेन्द्र , अमलेन्दु शेखर पाठक, रवीन्द्र दास आदि जै चोर रोशन कुमार झा (जकर डायलोग रवीन्द्र दास कॉपी केने छथि) केँ जातिवादमे झोंकि जगदीश प्रसाद मण्डलक रचनाक चोरिक बादो पाछासँ सह दऽ रहल छथिन्ह, तकरा लेल की सजा छै? की एकर बादो अहाँ लोकनि सहयोगक आशा रखै छी?

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