dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 27 सितंबर 2012

गजल


अपन छाहरिक डरसँ सदिखन पडाईत रहलौं
पता नै किया खूब हम छटपटाईत रहलौं

कियो नै सुनै गप करेजक हमर आब एतय
करेजक कहै लेल गप हडबडाईत रहलौं

अपस्याँत छी जे चिन्हा जाइ नै भीडमे हम
मनुक्खक डरे दोगमे हम नुकाईत रहलौं

अपन पीठ अपने थपथपा मजा लैत छी हम
बजा अपन थपडी सगर ओंघराईत रहलौं

कतौ भेंटलै नै सुखक बाट "ओम"क नगरमे
सुखक खोजमे बाटमे ढनमनाईत रहलौं

बहरे-मुतकारिब

कोई टिप्पणी नहीं: