गजल@प्रभात राय भट्ट
गजल
श्रद्धा सुमन मोन उपवन में प्रीतमअहिं हमर मोन चितवन में प्रीतम
प्रेम परागक अनुराग अछि जीवन
श्याम राधा मिलन वृन्द्रावन में प्रीतम
चलू जतय बहैय प्रेम स्नेह सरिता
सिया रामक संग रामवन में प्रीतम
रुक्मिणी बनी विरह कोना हम जियब
हमहू जाएब लक्ष्मणवन में प्रीतम
अढाई अक्षर प्रेमक प्रेम में संसार
प्रेम विनु जीव कोना भवन में प्रीतम
वर्ण-१५.......
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट
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