dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

apani bhasha me dekhe / Translate

गुरुवार, 26 मई 2011

आब लीअ लिच्ची से बनल रसगुल्ला के मज़ा..

लिच्ची के दीवाना आ शौक़ीन के लेल एकटा नीक खबर अछि। आब ओ साल भैर लिच्ची के मज़ा लए सकय ये कियाकि आब लिच्ची से बनत रसगुल्ला जकरा दू बरस तक अहाँ आराम से राखि सकय छिये। एही प्रोडक्ट के उत्पादन मुजफ्फरपुर के बेला के अवस्थित लीची के इंटरनेशनल यूनिट में मंगल दिन से शुरू भए गेल ये। एही बरस लिच्ची के २० दिनक सीजन में करीब तीन लाख रसगुल्ला बनाबै के लक्ष्य ये। जकरा तीन दिन के भीतर देश आ विदेश के बाज़ार में उतारि देल जाएत। पिछलो बरस लिचिका इंटरनेशनल लिच्ची के पचास हज़ार डिब्बा बाज़ार में उतारलक रहे मुदा एही बेर के सीजन में एकर मांग बीस लाख डिब्बा के अछि। एही रसगुल्ला के मांग एतय जबरदस्त ये की बनय से पहिने एकर बुकिंग भए जाय रहल ये। एही बेर एकर बाज़ार दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, के संगे स्विट्जर्लैंड, इंगलैंड आ जर्मनी बाज़ार में भी खूब ये। एकर डिमांड के देखय के बाद बिहार के अलावा आऔर राज्य भी एकर ऊपर ध्यान दए रहल ये मुदा मुजफ्फरपुर के लीची के ते बाते जुदा अछि, पाहिले लिचिका इंटरनेशनल के जूस, आ प्लप के स्वाद ते लेते रही आब लीअ लिच्ची के रसगुल्ला के मज़ा.

2 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

आब लीअ लिच्ची के रसगुल्ला के मज़ा.
Leechi..muhn mein paani bhar aaya..

SUNIL KUMAR BHANU ने कहा…

Kavita ji litchika international se sampark kae ke ahan ekra apan ghar seho manay sakay chhiye