dahej mukt mithila

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शुक्रवार, 20 मई 2011

बहुत याद आबय ये

बहुत याद आबय ये 
कचका आमक फक्का
मालदह केर चभक्का
आ दलानक कक्का

बहुत याद आबय ये 
माय के करेज
पुआरक सेज
आ बेटीक दहेज़

बहुत याद आबय ये 
पुआरक गठरी
कनिया के फसरी
आ मुरही,कचरी

बहुत याद आबय ये 
बाबाक सोंटा
फुलक लोटा
आ लिरियाबैत झोंटा

बहुत याद आबय ये  
गोटपीस ताश
ईक्का से आश
आ दुग्गी से निराश

बहुत याद आबय ये 
दुर्गा थानक मेला
नटुआ के झमेला
आ जिलेबी, केला

बहुत याद आबय ये 

गामक ललमुनिया
छोटका छोटका अमीया
आ नबकी दुलहिनिया

बहुत याद आबय ये 
जट्टा-जट्टिनक नाच
धधकैत चुल्हाक आँच
आ पोठीया माँछ

बहुत याद आबय ये 
गामक होली
होलिबाक टोली
आ भाँगक गोली

बहुत याद आबय ये 
गाय के लथाड़
नाव पतबार
आ हटिया बजार
बहुत याद आबय ये 
तीसी के तेल
गरदा के खेल
आ लाठी के रेल

बहुत याद आबय ये 
ओ कनही कुकुर 
दीदी के ससुर
आ भाँगक सुरूर

बहुत याद आबय ये 
मालदहक मज़ा
शिवालाक गाँजा
आ बाँसक बाज़ा

बहुत याद आबय ये 
चक्का तिलकोर
आमक बौर
आ माछक झोर 

बहुत याद आबय ये

उजरा रसगुल्ला
चौबटिया के हल्ला
आ टोला-मोहल्ला

बहुत याद आयब गेल

फेर कहब
आब विदा.

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