भोरे सूती उठी देखलो
आँखी सं अपन नोर पोछैत ,
माए पुछलक कियाक कनैत छीक ?
की देखलो स्वप्न में कुनू दोस ?
बेटी आँखिक नोर पोछैत --की माए
हमहूँ मिथिला के बेटी छीक ?
जतय सीता जन्मली मैट सं
ओहो एकटा नारी भेली ,
जिनका रचायल वियाह स्वम्बर
हमहूँ ओहिना एगो नारी छीक
बेटी आँखिक नोर पोछैत --की माए
हमहूँ मिथिला के बेटी छीक ?
आय देखैत छीक घर - घर में
दहेजक कारन कतेक घरसे बहार ,
उमर वियाहक बितैत अछि हमरो --
की करू हमहूँ अपन उपचार ?
बेटी आँखिक नोर पोछैत --की माए
हमहूँ मिथिला के बेटी छीक ?
धिया - पुत्ता में कनियाँ - पुतरा संग
अपन जिनगी के केलो बेकार ,
बाबु - काका लगनक आश में
सालक - साल लागोलैन जोगार ,
बेटी आँखिक नोर पोछैत --की माए
हमहूँ मिथिला के बेटी छीक ?
वियाह देखलो संगी - सहेली क
नयन जुरयल मन में आस भेटल ,
बट सावित्री आ मधुश्रवणी पूजितो
सेहो आई सपनोहूँ से छुटल
बेटी आँखिक नोर पोछैत --की माए
हमहूँ मिथिला के बेटी छीक ?
लेखिका -
सोनी कुमारी (नॉएडा )
पट्टीटोल , भैरव स्थान ,
झंझारपुर , मधुबनी , बिहार
इ मेल -madanjagdamba@yahoo.com
1 टिप्पणी:
BAHUT NIK SONI JI , AHINA LIKHAL KARU
DHANYWAD
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