|| वसंत - गीत ||
अनुपम छवि ऋतुराज वसंत
सुललित कानन चारु कल्प नव
तरुवर तरुण चढ़ंत ।। अनुपम......
कुहुकत कोकिल कुँज कुटिर नव
कलरव कर मधु गाने ।
नवल कुसुम नवरंग नवल रस
भ्रमर करत मधु पाने ।। अनुपम....
शीतल मंद बहय मलयानिल
सुमन सुरभि लय माते
खग मन मुदित उदित मुक्तामणि
मंजरि मधु बरसाते ।। अनुपम.....
शैशव छिन ऋतू संचित यौवन
भल सरवस समतुले
"रमण" सुमन अलि आलिंगन रत
पावन ऋतु अनुकूले ।। अनुपम.....
रचयिता
रेवती रमण झा"रमण"
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