दुर्गा केर पूजा में कतेको दलाल यौ ,
बकरी केर बच्चा केर कयलक हललयो ।
चंदा लेल गामक गरीबो केर घेराय ,
मौज खूब उड़ाबए तें मोछ हाथ फेरेय ।
दुर्गा केर पूजा में कतेको--------
रुपैया वसूली में नहीं कोनो कटौती ,
राखल रहय जेना बापक वपौती ।
फाटल पहिर कांख धोकरी लट्काउने ,
लेलक रशीद गेल दिल्ली - बंगाल यो ।
दुर्गा केर पूजा में कतेको----------
जाकरे लग गेल वस् ओकरे लग खेलक ,
ऊपर सन चंद केर टाका गनेलक ।
जतेक घीचा सकल ततेक निकाली कउ ,
गाम आबि दारू पिलक भरी साल यो ।
दुर्गा केर पूजा में कतेको----------
पूजा केर नाम पर मुर्गा उड़ाबय ,
घरहि में दुर्गा छथि तिनका जुराबय ।
जकरा पूजक चाहि ठाकरे नचाबै ,
चानन केर लेप केने कनखी चलाबय ।
महेन्द्र पाठक ई कहैत अछि अमर करू वाणी ,
एक दिन जय परत काल केर गाल यो --
दुर्गा केर पूजा में कतेको----------
लेखक - महेन्द्र पाठक
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