dahej mukt mithila

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सोमवार, 3 अक्तूबर 2016

दुर्गा पूजाक दलाल

दुर्गा केर पूजा में कतेको दलाल यौ ,
बकरी केर  बच्चा  केर कयलक  हललयो । 
चंदा लेल गामक गरीबो केर घेराय ,
मौज  खूब उड़ाबए  तें  मोछ हाथ फेरेय । 
दुर्गा केर पूजा में कतेको--------

रुपैया  वसूली में नहीं  कोनो कटौती ,
राखल रहय जेना  बापक वपौती  । 
फाटल पहिर कांख धोकरी लट्काउने ,
लेलक रशीद  गेल दिल्ली - बंगाल यो । 
दुर्गा केर पूजा में कतेको----------

जाकरे  लग गेल  वस् ओकरे लग खेलक ,
ऊपर सन चंद केर टाका  गनेलक । 
जतेक  घीचा सकल ततेक निकाली कउ ,
गाम आबि दारू पिलक भरी साल  यो । 
दुर्गा केर पूजा में कतेको----------

पूजा केर  नाम पर मुर्गा उड़ाबय ,
घरहि  में दुर्गा छथि तिनका जुराबय  । 
जकरा पूजक चाहि ठाकरे नचाबै , 
चानन केर लेप  केने कनखी चलाबय ।
 महेन्द्र पाठक  ई कहैत  अछि  अमर करू वाणी ,
एक दिन जय परत काल केर गाल यो --
दुर्गा केर पूजा में कतेको----------
लेखक   -  महेन्द्र पाठक

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