dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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गुरुवार, 21 जनवरी 2016

गजल

कखनो सुखक भोर लिखै छी
कखनो खसल नोर लिखै छी
मिठगर रसक बात कहै छी
संगे करू झोर लिखै छी
कारी करेजक कहबै की
बिहुँसैत ई ठोर लिखै छी
सोनक हिरण देखि क' दौड़ल
लोकक अजब होड़ लिखै छी
"ओम"क गजल की सुनबै यौ
खटगर बनल घोर लिखै छी
2-2-1-2, 2-1, 1-2-2 प्रत्येक पाँतिमे एक बेर

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