dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

apani bhasha me dekhe / Translate

गुरुवार, 5 नवंबर 2015

गजल

हमर करेजक जान तिरंगा
भारत-भूमिक शान तिरंगा
शोषित लोकक आस बनल छै
आमजनक अरमान तिरंगा
नजरि उठेतै दुश्मन जखने
बनत हमर ई बाण तिरंगा
मोल मनुक्खक होइत की छै
गाबि कहै छै गान तिरंगा
राम-रहीमक बातसँ आगू
"ओम"क अछि सम्मान तिरंगा
मात्राक्रम दीर्घ-ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ दू बेर प्रत्येक पाँतिमे।

कोई टिप्पणी नहीं: