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मंगलवार, 13 जनवरी 2015

तिला संक्रांति

तिला संक्रांति -
       तिल में विटामिन ए और सी छोईड़ वो सभ आवश्यक पौष्टिक पदार्थ होईत अछि जे नीक स्वास्थ्यक लेल अत्यंत आवश्यक होइत अछि। तिल विटामिन बी और आवश्यक फैटी एसिड्स सौं भरपूर होइत अछि । तिल में मीथोनाइन और ट्रायप्टोफन नामक दू गोट बहुत महत्त्वपूर्ण एमिनो एसिड्स होइत छै जे बदाम (चना), मूँगफली, राजमा, चौला और सोयाबीन सन अधिकांश शाकाहारी खाद्य पदार्थों में नहि होइत अछि। ट्रायोप्टोफन के शांति प्रदान करय वाला तत्व सेहो कहल जैत अछि जे अनिंद्रा के दूर करय में सक्षम होइत अछि। ई चमड़ी(त्वचा) आ केश के सेहो स्वस्थ रखैत अछि। मीथोनाइन यकृति (लीवर) के दुरुस्त रखैत अछि आ कॉलेस्ट्रोल के सेहो नियंत्रित रखैत अछि। तिलबीज स्वास्थ्यवर्द्धक वसा केर बड़ पैघ स्त्रोत अछि जे चयापचय को बढ़बैत अछि।
  जेना की अहि पावनीक नामे तिला संक्रांति थीकै आ अहि मे तिल केर उपयोग होइते टा अछि, तS आऊ जानल जाई किछू विशेष "तिल" केर संबंध में।
तिल के घरेलू उपयोगक सुझाव-
1. कब्ज दूर करबाक लेल तिल के मेंही पीस ली आ प्रतिदिन पचास ग्राम तिल के चूर्ण गुड़, चीनी वा मिश्री के संग मिला फाँईक ली।
2. पाचन शक्ति बढ़ेबाक लेल समान मात्रा में बादाम, मुनक्का, पीपर, नारिकेल के गरी आ मावा नीक सS फेंट ली, फेर अहि मिश्रणक बराबर तिल कूटि पीस कय मिला ली , स्वादानुसार मिश्री मिला आ भोरे -भोर खाली पेट सेवन करी। अहि सौं शरीर केर बल, बुद्धि आ स्फूर्ति में सेहो वृद्धि होइत अछि।
3. प्रतिदिन राति में तिल के खूब चिबा के खयला सौं दाँत मजबूत होईत छैक।
4.यदि कोनो घाव भS गेल हुए तS तिल के पानि भिजा कय पीस आ घाव पर बांधला सौं घाव शीघ्रता सS भैर जैत अछि।
5. तिल केर लड्डू ओहि बच्चा के भोर आ साँझ अवश्य खुआबी जे राति में बिछौना गील करैत छथि। तिल के नियमित सेवन कयला सौं शरीरक कमजोरी दूर होईत अछि आ रोग प्रतिरोधकशक्ति में वृद्धि सेहो होइत अछि।
6. पायरिया आ दाँत हिलबाक कष्ट में तिल के तेल के मुँह में १०-१५ मिनट तक राखि, फेर अहि सS कुल्ला करी। अहि सौं दाँतक दर्द में तत्काल आराम भेतैत छैक। गर्म तिल के तेल में हींग फेंट के सेहो ई प्रयोग कयल जा सकैत अछि।
7. पानी में भिजाओल तिल के कड़ाही में हल्का स भूइज ली आ ओकरा पैन या दूधक संग मिक्सी में पीस ली । सादा या गुड़ फेंट के पीला सौं सोनीत (रक्त) केर कमी दूर होइत अछि।
8. जोड के दर्दक लेल एक गोट चाय के चम्मच भैर तिल के राति भैर पैन के गिलास में फुला ली आ भोरे भोर एकरा घोइंट ली वा प्रत्येक भोर एक चम्मच तिल के आधा चम्मच सूखायल अदरकक(सोईंठ) चूर्ण केर संग फेंट के गर्म दूधके संग पीयला सौं जोड़ के दर्द नष्ट भ जैत अछि।
सौजन्य सन - 
  मिथिला संस्कार 

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