कोमल मोन तन्नुक भाव ,
शब्द कठोर , गंभीर घाव |
दोसर सदिखन हंसी ऊडेतई,
मोनक बात जकरा कहबई |
अप्पन हारल ककरा कहबई-
शब्द कठोर , गंभीर घाव |
दोसर सदिखन हंसी ऊडेतई,
मोनक बात जकरा कहबई |
अप्पन हारल ककरा कहबई-
बाज'य कथा सब अपने अपना ,
टूटय बरु आनक सुन्नर सपना |
टूटय बरु आनक सुन्नर सपना |
फाटल दोसर टांग अड़ाबई ,
एकरे त' सब रगडा कहबई |
एकरे त' सब रगडा कहबई |
अप्पन हारल ककरा कहबई -
भाऊ हिसाबे ,सिनेह देखाबई ,
गिरला उत्तर आँखि चोराबई |
गिरला उत्तर आँखि चोराबई |
गेठी दाम नहि महल मोलाबई ,
एकरे दादीक फकरा कहबई |
एकरे दादीक फकरा कहबई |
अप्पन हारल ककरा कहबई-
कियो पैघ नहि कियो छोट ,
थोड बहुत त' सब में खोट |
बनि अप्पन जे सुनतइ बात ,
मोनक मीत तकरा कहबई |
थोड बहुत त' सब में खोट |
बनि अप्पन जे सुनतइ बात ,
मोनक मीत तकरा कहबई |
अप्पन हारल ओकरा कहबई --
सादर : महेश झा 'डखरामी '
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