dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

शनिवार, 6 जुलाई 2013

मिथिलाके दोकान पर

हेलउ हेलउ! 
 आउ मिथिलाके दोकान पर!                                                                                                       मैथिल के मचान पर!

एतय हिन्दी के माल भेटत!
अंग्रेजिया कमाल भेटत!
परदेशिया वयार भेटत!
जीबैय के कपार भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिलाके दोकान पर!
बाबा जडला बाबु जडला!
बाबी माय सेहो जडली!
काका-मामा छूटिये गेला!
नानी-मौसी रुडिये गेली!
अंकल-आन्टी फूल भेटत!
ब्रदर-सिस्टर कूल भेटत!!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
मैथिल छप्पर उडिये गेल!
धोती-पाग बुयिरिये गेल!
कुम्हर-कदिमा चार सडेल!
सजमैन-बतिया कीडा लगेल!
टटका-टटका टोमैटो भेटत!
अगबे आब पोटैटो भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
मेल-मिलाप बलाने बहल!
लोक-लोकके आँखि गडल!
जाति-कूजाति दलाने छूटल!
देह कि आब तऽ मने छूवल!
ऐँठ हाथ पोछय लेल भेटत!
पैनछूआके पोछ-पेपर भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
गोलही काँटी मारा पोठी,
भौंड बुआर भून्ना मोठी,
बाढिक पानिमें नवका माछ,
सभ परायल जेना काउछ,
विकासी विकेट भेटत,
मुँहफूल्लाके सेट भेटत,
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
गौँआँ मैनजन बिकिये गेल!
सरपंचक आब नहिये ठेल!
जनसेवक आ विडियोक रेल!
मुखिया सबटा खाएये गेल!
चमचा-बेलचा कमाल भेटत!
भरुवा-दलालक जाल भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दलान पर!
पुरना मिथिला आब कतय?
अपन संस्कार आब कतय?
लिपि-भाषा मरिये गेल!
कुतबा बच्चा हिन्दी खेल!
जाबत रहत बिहारी राज!
आयत कोना मिथिलाके राज!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!

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