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शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

मैथिलि रंग मंच में महिला लेल आब उज्जवल भविष्य (रूपम )


मिथिलांचल टुडे प्रकाशित अनक 2 में - मैथिलि रंग मंच में महिला लेल आब उज्जवल भविष्य (रूपम ) सात बरख क उम्र सओं रंगमंच स जुडनिहार रूपम श्री नैन ने तिरपित भेल स घर-घर मे चर्चित भ चुकल छथि। 2009 मे रंगकर्मी प्रमिला झा नाट्य वृति प्राप्‍त केनिहारि रूपम पंचकोशी सहरसा क नाम आइ अपन अभिनय कए नित्‍य निखारबा मे लागल छथि। मध्‍यवर्गीय परिवार लेल रंगमंच आ मैथिली रंगमंच मे महिला क भविष्‍य पर राष्ट्रपति स सम्मानित रूपम क संग विस्‍तार स गप केलथि अछि पत्रकार नीलू कुमारी। प्रस्‍तुत अछि गपशपक किछु खास अंश प्रश्न – अपन संबंध मे किछु बताऊ?
उत्तर – सहरसाक एकटा मध्यमवर्गीय परिवार मे 10 मई 1988 मे हमर जन्म भेल, पिताजीक छाँव बचपने मे हमरा सबके माथ स उठि चुकल छल, माँ पोस-पालि कए पैघ केलक आई हम जे छी हुनके बदौलत। प्रश्न – रंगमंच स कोना जुड़लहूँ? उत्तर – बचपन स हमरा रंगमंच स बेसी लगाव छल, स्कूल कॉलेज मे हम डांस करैत रही, एहि क्रम मे एक बेर सुजीत जी हमर स देखलथि। एकरा बाद ओ हमर घर पर एलथि आ हमरा कहलथि-‘रूपम अहां इप्टा स जुडू, इ एकटा एहन सार्थक मंच अछि जेतए अहांक प्रतिभा कए केवल सराहल नहि जाएत अपितु एकटा नीक मंच सेहो भेटत। हुनक आश्वासन पर 1995 मे हम इप्टा, सहरसा स जुड़लहूँ। तकर बाद त जेना हमर सपना कए पंख लागि गेल आ सबहक आशीर्वाद स आइ हम एहि मुकाम पर छी। प्रश्न – एहि ठाम तक पहुंचबा मे कोन तरहक संघर्ष करए पडल? उत्तर – कॅरियर मे जतय तक पहुंचलहु अछि, हमर माँ क पर्याप्त सहयोग रहल। कहियो कोनो काज लेल ओ मना नहि केलथि। शुरूआत मे बड़ दिक्कत भेल, तरह-तरह कए उलहन सुनए पड़ल। लड़की भ कए कोना मंच पर अभिनय करत, इ सब कहैत रहल। मुदा आब जखन ओ हमरा एहि मुकाम पर देखैत छथि, त सब कए नीक लगैत छैन। प्रश्न-अभिनय क अलावा कोनो अन्य कैरियर सोचने रही? उत्तर – हम संगीत स प्रभाकर केने छी, रंगमंच क अलावा संगीत क साधना सेहो चलैत अछि, अगर हम रंगमंच स नहि जुड़ल रहितहुं त संगीत क क्षेत्र म रहितहुं। प्रश्न – अहाक नजरि मे मैथिली रंगमंचक की भविष्य अछि? उत्तर – मैथिली रंगमंच क भविष्य खास क महिला लेल आब उज्जवल बुझा रहल अछि। एहि चारि-पाँच साल मे मैथिली क जे ग्लोबलाइजेशन भेल अछि ओहि स एकर भविष्य पर कोनो तरह क शक नहि कैल जा सकैत अछि। मैथिली रंगमंच सेहो आब अंतररास्ट्रीय स्तर पर अपन उपस्थिति देखा रहल अछि। मैलोरंग, मिथिलालंगन, मीनाप, पंचकोशी आदि-आदि संस्‍था रंगमंच सब मैथिल प्रतिभागी क सहयोग क रहल अछि। प्रश्न – जीवन क कोनो अविस्मर्णीय क्षण जे अहा हमरा संग साझा करए चाहब। उत्तर – हमर जिनगीक सबस पैघ क्षण छल तरंग महोत्सव मे उत्कृष्ट नृत्य प्रस्तुति लेल प्रतिभा सिंह पाटिल स पुरस्कार लेब। ओना जखन ‘’नैन न तिरपित भेल’’ क पोस्टर समस्‍त बिहार मे लागल छल आ हमर सखी-सम्बन्धी सब फोन पर हमरा बधाई देने रहथि ओ समय हम आइ धरि नहि बिसरलहुं अछि। प्रश्न – अहांक पुरस्कार क सूची त बड पैघ अछि, किछु खास पुरस्कार क चर्चा करए चाहब? उत्तर – 2003 मे खगौल, पटना मे हमरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री स सम्मानित कैल गेल अछि आ तरंग महोत्सव मे उत्कृष्ट नृत्यक लेल द्वितीय पुरस्कार रास्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल स भेटल। संगहि 2009 मे मैलोरंग स प्रमिला झा नाट्य वृति आदि भेटल। प्रश्न - नाटक क गप करब त अहंक सूचि ख़तम नै हाएत, किछु खास धारावाहिक वा नाटक केर चर्चा करए चाहब ? उत्तर - कनी हँसैत, सूचि ओतबो पैघ नै अछि मुदा नैन न तिरपित भेल स हमर कैरियर क मुकाम भेटल आ आई हम पटना, दिल्ली, कोलकता समेत कतेको मंच पर अपन अभिनय क प्रदर्शन कए छुकल छि, हमर प्रिय नाटक मे मधुश्रावणी, कनिया-पुतरा, आ पाँच पत्र अछि, ओना हमर प्रिय नाटककार महेंद्र मलंगिया जी छथि। प्रश्न – भविष्य मे कौन तरह क काज करब पसिन करब? उत्तर – जतय काज भेटत आ नीक काज भेटत, हम जरूर करै चाहब। ओ संगीत क्षेत्र हुए वा अभिनय क्षेत्र। प्रश्न – मिथिलांचल टुडे क ई अंक महिला विशेषांक अछि , एहन मे मिथिलानी लेल कोनो सन्देश। उत्तर – निश्चित रूपेण महिला सब स इ कहै चाहब जे जों अहां रंगमंच स जुड़ल छी त पूरा जी जान स जुड़ल रहू, समाज क परवाह जुनि करू, जखन अहां मुकाम पर पहुंच जाएब तखन वैह आलोचक जे आइ अहांक आलोचना क रहल अछि ओ काल्हि अहांक सराहना करत। मिथिलांचल टुडे स गप करबाक लेल बहुत बहुत धन्यवाद। अहूं कए बहुत-बहुत धन्यवाद। मिथिलांचल टुडे प्रगति करए सैह माँ भगवती स कामना।
नीलू कुमारी सहरसा , बिहार

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