dahej mukt mithila

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AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

गुरुवार, 23 सितंबर 2010

कनिक हंसिय लिय

१.

पति - डाक्टर साहिब हमर घर वाली के पेट में एक दू महिना से लगातार दर्द भ रहल छैक से
कन्नी निक जेका देखियो की कारन छैक ?
डाक्टर - देखो मै अछे से देख लिया हूँ और दबाई भी दे दिया हूँ , रोज सुबह - शाम
एक - एक मुन्ना खा लेना और फिर १५ दिन के बाद आके दिखा बा लेना ,
पत्नी - यो फल्लं के बाबु हमरा पेट में और जोर से दर्द बारहल जैया , रोज साँझ आ भोर के एगो - एगो मुन्ना खैत छीय तयो ,
पति - निक बात छि , निक बात छि , दर्द होयत अछि त हुअ दियो , देखियो १४ दिन में कतेक टा पेट भगेल अछि , लागैत अछि जे जल्दीय एक दू महिना में डेल्बरी भ जायत ,
२ .
पत्त्नी - सुनै छिय हम आब खेनाय - पिनाया नै बंबायब और चुल्हा चेकी के काज नही करब ,
पति - से किया ?
पत्नी - आब केंद्र सरकार आ बिहार सरकार सेहो महिला के लेल ५० प्रतिसत आरक्षण क देलकै हन , अपन भविष्य सुधारे के लेल ,
पति - ठीक अछि , आहा बहार के काज देखू आ दुनिया घुमु , हम घर में भोजन बनायब आ संग- संग अहाँ के बचो के जनम देब ,
३.
पत्त्नी - यो फला बाबु के रेडियो में कहैत छल जे , परिवार की गती विर्धी को रोको या फिर कंडोम इस्तमाल करो ,
पति - ठीक अछि , हम जाई छी दबाई दुकान पर ,
( दुकान दर से ) यो हमरा एगो कंडोम दिय , हमरा अपन कनिया कहलें हन ,
दुकानदार - कुन कंपनी के आ लेडिज या जैन्स के ?
पति - हम पूछी के आबैत छी ,
यई सुनैत छिय , कहलक जे कुन कंपनी के आ लेडिज या जैन्स के ,
पत्त्नी - कहबैन अपना दुकान से बच्चा बाला ,

४.
पति - (फोन से फोन पर ) चालू डार्लिंग सिनेमा देखेय लेल ,
पत्त्नी - आई नै सन्डे दिन ,
पति - (फोन से अगिला सन्डे के ) आई टिकट ल लिय ?
पत्त्नी - (चुपे - चाप ) कहलो ने अगिला सन्डे दिन के ,
पति - एखन कतय छी ? ऐना कियक बजय छि ,
पत्त्नी - कहलो ने बॉय फ्रेंड संग पि बी आर में ,
५.
( पति - पत्नी के एक दोसर से झगरा होयत छल , खूब गारा - गारी , ओकरा माय के ओ ,त
ओकर बाप के ओ , खाई त छलखिन , )
पति - हम जहिया से बियाह केलो हमरा कपार में आगि लागी गेल ,
पत्नी - हमरा जहिया से एकरा संग हमर माय बाप लगा देलक हमर नशीब में आगि लगी गेल
( ताबे में एगो छोरा जे दिल्ली से आयल छल , आ संग में मोबाईल फोन सेहो रखने छल ओ हबर - हबर -१०१ नंबर डाइल क देलकै आ कहलकै , हेल्लो अग्नि शमन पुलिस कंट्रोल (यस स्पीकिंग ) सर हमरे परोस में एक ही परिवार के पति और पत्नी को कापार में आग लग चुके है कृप्या बुताने
का प्रबंध करे --)
पुलिस आयल आ दुनु बय्क्ति के हाथ में हाथकरी लगा के जेल में बन्द क देलकैन , तखने दुनु प्राणी के कपार में लागल आगी सांत भगेल ,
6।

पति - यई काल्ही हमर मैरेड एनिभार्शारी छि , से हमर दोस्त महिम सब आयत से
अपन मुहक सरोसती के कनी बंद क के रखाब ,
पत्नी - ठीक अछि , बुझालो अहाँ के बात ,
दोस्त सब - यो मित्र बहुत निक पार्टी रहल , बहुत आनन्द आयल , बहुत खेलो - पिलो ,
मुदा अह्ना के लाइफ़ पाटनर के नहीं देखैत छि , हुनके लेल ने एतेक केलो हन ,
कनी बजाऊ हुनको से बात करब आ मैरेड एनिभार्शारी के सेहो सल्ब्रेट क देबैन ,
पति - यई सुनाई छीय हमर दोस्त सब कनी बात करता से घर से बहार आउ कनी
चेहरा देखा दियोन हिनको सब के ,
दोस्त सब - आ -- हा हा , बहुत सुन्दर , -२ दोस्त अहाँ त खूब नशीब बाला छि यो ?
पत्नी - हँ हँ कियक ने आई जे हिनकर मैरेड एनिभार्शारी जे छियन ,
दोस्त सब - से की अहाँ के मैरेड एनिभार्शारी नहीं छि ?
पत्नी - नै , हमर बियाह के प्रथम शालगिरः छि ,
7.
जगदम्बा ठाकुर के प्रस्तुती –

पत्नी - यो फल्ला के बाबु गाम में सब कहैत छैक जे कमला कात में बड़ जोरगर
बाड़ी आयल छैक से सबटा सामान लके कतय जायब , घर त बढिक पैन से
खैस परत ?
पति - यई अहाँ सब दिनक बुधु के बुधु रहिये गेलो ,
पत्नी - से की ठीके त कहैत छि ,
पति - बाढ़ी एलय त आब दियो ने , कमला के कात में में एलय ना हमर घर त
कमला के दुनू छहर के बिच यानि कमला के पेट में अछि , हमरा कुन डर ,
8.
पत्नी - यो सुनैत छिऐ आब शोभाग्य मिथिला टी वि पर गप्पी नंबर वन आबैत छैक ,
से अहँ कियक नै अहि में भाग लैत छि , ओही में भाग लेला से बहुत रास
पाई, बहुत रास समान आ बहुत रास इज्जत, आ मान सम्मान सेहो भेटत ,लोक सब
सेहो चिनहत जे ई फलां बाबु छिया ,
पति - हाँ हाँ से त ठीके कहैत छि , मुद्दा अहाँ के झारू ,अहाँ के बारैहन , आ अहाँ के खापैर
आ बेलां से फुर्सत भेटत तखन न ,

पत्नी - सब के घर में देखैत छि , गिप्ट पर गिप्ट भरी घर गिप्टे टा मुद्दा अहाँ के घर
में की आयल , एको पाओ मिठाई के डिबो टा नही , खाली नाम के लेल पंडित जी ,
सबटा फुसिये के जे हमरा एतेक रास जजमान अछि ,
पति - अहाँ चिंता कियक करैत , सब दुखक इलाज त हमरे लग अछि ,
पत्नी - से कोना ?
पति - जाबे हम १००१ रूपैया नही लेबई ताबे की हम कतौ के पूजा करेबनी , हमरा बिना
किनको की उधार छैन , जाबे लबैन नै ताबे पूजा करबैन नही, हम टस से मस नही हेबैन ,
ओकर बात अहाँ लैत रहब गिप्ट ,लिप्ट, सिपट जतेक लेबक रहत ,

लेखक -
मदन कुमार ठाकुर
जगदम्बा ठाकुर
पट्टीटोल , कोठिया , झंझारपुर ,
मधुबनी , बिहार
मो -- ९३१२४६०१५०

1 टिप्पणी:

raghav ने कहा…

bahut nik hasait - hasait pet fuli gel
bahut nik ahina aur bheju