शुक्रवार, 8 मई 2015

दहेज या मैरेज

दहेजक नाम सुनि कऽ
कांइपि उठैत अछि ,माए-बापऽक करेज
कतबो छटपटायब तऽ 
लड़कवला कम नहि करताह अपन दहेज।
कहताह, जे बियाह करबाक अछि
तऽ हमरा देबैह परत दहेज
पाई नहि अछि तऽ
बेच लिय अपना जमीनऽक दस्तावेज।
दहेज बिना कोना कऽ करब
हम अपना बेटाक मैरेज
दहेज नहि लेला सऽंॅ खराब होयत
समाज में हमर इमेज।
एहि मॉडर्न जुग मे तऽ 
एहेन होइत अछि मैरेज
आयल बरिया रू प्रतिज्ञा
जे आब नहि मॅंागब ति घूरीकऽ जाइत छथि
जऽंॅ कनियो कम होइत अछि दहेज।
मादा-भूर्ण आओर नव कनियाक 
जान लऽ लैत अछि दहेज
सभ देखि सूनि कऽ 
काइपि उठैत अछिकिशनके करेज।
समाज के बरबाद केने 
जा रहल अछि दहेज
बचेबाक अछि समाज के तऽ
हटा दियौ मुद्रारूपी दहेज।
खाउ एखने सपत , दहेज 
बिन दहेजक हेतै आब सभ ठाम
सभहक बेटीक मैरेज।


लेखक - किसन कारीगर 
ध्यान देव - अपनेक सहयोग अमुल्य  अच्छी , दहेज़ मुक्त मिथिला में  जूरी आ दहेज़ रूपी दानव  के  ख़त्म  करी  -


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