बुधवार, 25 दिसंबर 2013

आखिर मैथिल कियाक मिथिलासन दूर ?

 आखिर मैथिल  कियाक मिथिलासन दूर  ? 

     कखनो काल इ बात के बरा कचोट होइत अइछ जे आखिर मिथिलाक सेलेब्रिटी सब मैथिलि मिथिलाक नाम स दूर किया रहs चाहैत छैथ? आन आन भाषा भाषी जेना बंगाली, मराठी, पंजाबी, तेलगु, तमिल, आसामी, ओडिया एवं प्रकारे सब प्रान्त के सेलिब्रिटी सदेव अपन भाषा आ अपन संस्कृति के सम्मान लेल आगा रहैत छैथ. अतय तक कि भोजपुरी के लेल मनोज तिवारी तक के समर्पण आ योगदान अविश्मरणीय छैन. मुदा मैथिलि के? तकर कारण कि? शायद इ त नई कि मैथिल सेलेब्रिटी आई तक मैथिलि के कारण सेलिब्रिटी नई बनला. ताई ओ मैथिलि के स्नेह रखितो मैथिलि के महत्व नई दई छैथ. तखन त जिम्मेदार हम मैथिल छी.

किछु दिन पहिने इ बात सामने आयल जे मिथिला क्षेत्र के सिनेमा हॉल मैथिलि सिनेमा लगेबा तक स मना का दई छैथ. आ भोजपुरी लेल तुरंत तैयार. इ कारण त बहुत दुखद आ चिंता योग्य अइछ.

कि इ सत्य छई कि मैथिलि सिनेमा पर टैक्स और भोजपुरी टैक्स फ्री? अगर एहन बात छई त इ चिंतन बहुत गम्भीर.

मैथिलि सिनेमा के लेल पूंजी निवेश स पूंजीपति मैथिल किया कात होई छैथ?

कि मिथिला में मैथिल के मोन स मैथिलि के प्रति स्नेह कम भ रहल अइछ? आखिर किया? कारण की? अगर अई में सच्चाई छई त माँ मैथिलि के अस्तित्व के खतराक घंटी बुझी.

कतौ कतौ इहो सुनय में आयल जे मैथिल कलाकार सब के मैथिलि के नाम पर गुमराह कायल जाइत अइछ. हुनक सहयोग लय किछु व्यक्तिगत लोक अपन निजी स्वार्थ शिद्ध सेहो करैत छैथ..

जे किछु हो सायद इ अंतिम मोका के दौर गुजैर रहल जे सब मैथिल जागौथ, सब अपन अस्मिता के रक्षा लेल आगा आबौथ, ठगना सब के चिन्ह सार्थक काज में योगदान करैथ, कियाक की आब नई जागब त पहचान मिटा जायत.

मिथिला राज्य निर्माण सेना के १९ जनवरी २०१४ के कोंस्टीटूशन क्लब, देल्ही में मैथिलि मिथिलाक अस्मिताक पर चिंतन लेल महा सभा के आयोजन में माँ मैथिलि के प्रति हम सब अपन कर्त्तव्य निर्वाहन लेल जरुर पहुंची.....अपनेक उपस्थिति आ सहयोग निश्चित माँ मैथिलि के सम्मान के लेल एक टा सकारात्मक दिशा देत.

मुम्बई 

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