शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

माइक व्यथा



कहियो मै मनबई छलई  की,
 बेटा कहिया हैत ,
आई बेटा मनबई छई की,
 मै कहिया जैत.
कहियो माइक लोरी सुइन क,
 बेटा सुतई छलई.
आई माइक कराहट सुइन क,
 बेटा खिसिया गेलई.
कहियो मै सोचै छलई  की,
 भोरे बेटा इस्कूल कोना जैत ,
आई बेटा सोचै छई की,
 भोरे मै हॉस्पिटल के खरचा बढैत.
कहियो मै लोग स मांगे छलई की,
 बेटा की खैत,
आई मै बेटा स  मंगई छई नई त.
 पेट कोना भरैत.
कहियो मै कोबला करै छलई की ,
बेटा बड़का लोग बनत ,
आई मै क मन में शंका छई की,
 बेटा श्राधो करत की नई करत
नाम- रूचि गोस्वामी ,
मूल मधुबनी (सोहराय गावं )
पापा के नाम उदय चन्द्र झा ,पति के नाम -रवि गोस्वामी
नानी  गावं -तरौनी , 
वर्तमान में में गुजरात गांधीधाम में रहै छी,
अध्ययनरत छी.

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