सोमवार, 9 जनवरी 2012

माधवेश्वरनाथ महादेव मन्दिरकेर जीर्णोद्धार सम्बन्ध सम्मेलन (सौराठ सभा )



माधवेश्वरनाथ महादेव मन्दिरकेर जीर्णोद्धार सम्बन्ध सम्मेलन के रिपोर्ट:

 
काल्हि जनबरी - २०१२ . मैथिली भाषाके भारतीय संविधानके ८वीं अनुसूचीमें स्थान देबक ८वीं वर्षगाँठ के शुभ उपलक्ष्यमें सौराठ सभागाछीमें दहेज मुक्त मिथिला एवं सौराठ सभा विकास समितिके संयुक्त तत्त्वावधानमें एक सम्मेलन कैल गेल जेकर अध्यक्षता मधुबनी ड्योढिके बाबु श्री कुलधारी सिंह जी कयलनि, उद्घोषण एवं संचालन सौराठ सभा विकास समितिके सचिव डा. शेखर चन्द्र मिश्र कयलन्हि प्रमुख अतिथि द्वय बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री ताराकान्त झाजी के स्थानीय प्रतिनिधि श्री निलाम्बर झा एवं बिस्फी विधानसभा के माननीय विधायक श्री फैय्याज अहमद के संग विशिष्ट अतिथि श्रीमती करुणा झा - वरिष्ठ समाजसेविका एवं दहेज मुक्त मिथिलाके उपाध्यक्षा कयलनि। सभामें गणमान्य व्यक्तित्व एवं जीर्णोद्धारके प्रखर पैरोकार वर्गमें प्रमुख प्रोफेसर गिरिजा किशोर झा (बिहार युनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर), प्रोफेसर सर्वनारायण मिश्र (सौराठ), अधिवक्ता सोहनजी (मधुबनी कोर्ट), श्री सुनील कुमार सुनोज (लखनौर) एवं प्रवीण नारायण चौधरी (विराटनगर, नेपाल) एवं स्थानीय विद्वान्श्री लक्ष्मीश्वर ठाकुर जे विद्यापतिजीके कुल-परिवारकेर छथि हुनक सहभागिता सेहो उल्लेखणीय रहल। सम्मेलनमें अत्यन्त मर्मस्पर्शी विचार सभ आयल।

. श्री गिरिजा किशोर झा: कार सेवा सऽ हर असंभव कार्य होइत छैक, समग्र मिथिलांचलके लोक में आह्वान होइक जे कार-सेवकके रूपमें एहि अत्यन्त प्राचिन मन्दिर जे एक अविस्मरणीय धरोहरके रूपमें अछि एकर जीर्णोद्धार करैथ। एहि कार्य सँ मिथिलाके गौरवके रक्षा होयत।

. श्री सुनील झा सुनोज: समस्त इलाकामें चर्चा सरेआम चलय लगलैक अछि वस्ती-वस्तीके लोक एहि लेल आतुर देखा रहल छथि। युवा-शक्ति अभिभावक के मार्गनिर्देशनानुसार बहैक लेल तैयार बैसल छथि। व्हिसील बजैत देरी कार्य होयत।

. श्री लक्ष्मीश्वर ठाकुर: एहिठामके वस्तु्स्थिति अछि जे समस्त व्यवस्थापन माधवेश्वरनाथ ट्रस्टके अन्तर्गत होइछ - विपन्नता एहेन जे मन्दिरके पुजेगरीके सेहो पूरा नहि भऽ रहल छन्हि। विकास हेतु इच्छाशक्तिके आवश्यकता छैक। यदि पार्क के रूपमें विकास कय देल जाइक तऽ प्रतिदिन मधुबनी शहरके लोक के संग अन्य-अन्य स्थानके लोक के आगमन हराहरी २०,००० के आसपास अवश्य हेतैक। एहिसँ नहि सिर्फ स्थान के विकास हेतैक, बल्कि इलाका के सेहो विकास हेतैक। एको रुपैया टिकट राखल जेतैक तऽ २०००० टाका के आमदनी नित्य दिन संभव हेतैक। लेकिन कर्ता-धर्ताके उदासीनता दुखद छैक। एहि पर सबके ध्यानाकर्षण होयबाक चाही। मधुबनी में गो प्रमुख पर्यटनके केन्द्र छैक, जेकरा बेर-बेर राज्य पक्ष सेहो मानलकैक अछि, लेकिन स्थानीय लोक के उदासीनता व्यवस्थापक पक्षके लापरवाही एहि दुखद परिस्थितिके सृजक छैक जेकर प्रतिकार आवश्यक छैक। अमेरिकाके लोक चिन्ता करैत अछि, लेकिन स्थानीय लोक उदासीन लापरवाह अछि।

. श्री निलाम्बर मिश्र: विडंबना जे हम सभ एहि कहबीके पूरा करैत छी: ‘नरे-झरे भरल छी - पाइन में तीतैत छी।बुद्धिजीवी जखनहि परजीवी बनलाह तऽ बूड़िजीवी भऽ गेलाह। आइ विडंबना एहेन छैक जे पैतृक वस्तु के विलगावमें सभके लगन जागल छन्हि। वास्तविकता यैह छैक जे अपन मूल संस्कार के संग बिछुड़न समस्त परिणाम के उपजा रहल छैक। साते-भवतु-सुप्रीता सऽ लोक अपन बच्चाके शिक्षा-संस्कार शुरु करैत छल, आब परंपरा बदलि गेल छैक। हम सभ अपन धिया-पुतामें मूल संस्कारके बीजारोपण के जगह उलटा संस्कार भरि रहल छियैक। एहि विल्पित संस्कारके सहेजल जाय। प्रथम संस्कार के लोप - संध्या-वन्दन के प्रक्रिया खत्म केनै भेल अछि। १३०० . सऽ पूबाड़ि-पछवाड़ि टोल सौराठमें कोन गामके लोक कतय डेरा देने छथिन से सूचना स्वतः लोक के बुझय में रहैत रहल - सभाके व्यवस्थापन एतेक मजबूत होइत छलैक। लेकिन आइ - स्थिति दुखद भर्त्सनायोग्य छैक। चौगामाके लोक मूल-दोषी छथि। दरबज्जापर तास खेलेनाइ पसिन्न छन्हि, नहि कि एहि धरोहर के संरक्षण लेल उपाय मेहनत करनाइ। पंडित ताराकान्त झा के निजी प्रतिनिधीके रूपमें एहि विन्दुपर बहुत रास चर्चा बिहार सरकारके मुखिया संग सेहो कैल गेल। किछुवे दिनमें जे मुख्यमंत्रीके जनता दरबार मधुबनीमें लगतैन ताहिके लेल योजना अन्तर्गत १०० वर्ष सऽ पुरान जतेक मन्दिर अछि तेकर संरक्षण होयबाक बात छैक, सौराठके माधवेश्वरनाथ मन्दिर - सोमनाथ मन्दिर सेहो एहि सूचीमें छैक। मधुबनीमें राम सर्किट, सीता सर्किट के योजना अछि। वाचस्पति डीह के पर्यटन स्थलके रूपमें विकास करय लेल निर्णय भऽ चुकल अछि। पंडित ताराकान्त झा जे सौराठ गाम के कुटुम्ब सेहो छथि - हुनक मानब छन्हि जे सौराठके लोक जँ पुरुख भऽ जाइथ तऽ एसगर वैह सभ आवश्यक कार्य करबा दैथि। :) मिथिला पेन्टिंग लेल जे संस्थान बनाबऽ के बात छैक सौराठमें संस्कृत महाविद्यालय जे आइ मरणासन्न हालमें छैक ओहिमें समायोजित कैल जाय, प्रयास हम सभ कय रहल छी। मुख्यमंत्री स्वयं सभाके अवलोकन करताह। बस हम सभ यदि तत्पर बनी तऽ कार्य सभटा संभव हेतैक। चौगामाके लोक सँ हार्दिक अपील जे संसार के विकास देखि अपन विकास लेल अवश्य सोचैथ कार्य करैथ।

. श्री कुञ्जबिहारी मिश्र - सभके आग्रहपर महादेव के प्रसन्न करय लेल अपन विशिष्ट सुरमें नचारी - आजु नाथ एक व्रत गाबि सभ के हृदयके भक्ति भाव सऽ भरलन्हि। एहि मन्दिर निर्माण हेतु अपन समस्त कार्यक्रम में एक दहेज मुक्त मिथिलाके कैसेट निर्माण करबा बाँटैत सौराठ सभाके पुनरुत्थान लेल घोषणा सेहो कयलन्हि। किछुवे दिन पूर्व जे करुणा झा जी द्वारा एक टाइटिल गीत बनल ताहि के समावेश करैत एहि शुभ कार्य के पूरा कैल जायत।

. श्री चक्रवर्ती बाबा: केवल बाबा के अपनहि कृपा सऽ सभ संभव होयत। हमरा लोकनिक संगठन नहि अछि, कतहु गड़बड़ा गेल अछि। सभ कार्यके सफलतापूर्वक निष्पादन लेल एक सक्रिय एवं सुयोग्य कमिटी हेबाक चाही।

. श्रीमती करुणा झा: एहि दुर्दशा के कारक तत्त्वके परीक्षण आवश्यक। जाहि वर्गके लेल सभा लगैत छैक तिनका एहि धारामें जोड़ब आवश्यक। आजुक युगमें भविष्य लेल - अपन रोजी-रोटीक लेल सभ बेहाल रहैछ, मैथिली होइक वा गायत्री मन्त्र वा सौराठ सभा - यदि एकर भूमिका लोक के सुन्दर भविष्य लेल हेतैक तखन अवश्य लोक एहि सँ जुड़त। अतः हम सभ एहि तरफ प्रयास करी जे हर वर्गके लोक के एहि संस्थान में जोड़ी नीक संभावनाके विकास करी। केवल एक जातिके लेल संस्थानके पुनरोत्थान संभव नहि हेतैक। एहिमें सबके जोड़ब सभके लेल एक भविष्यनिधिके जोगाड़ देखायब मात्र एकर पुनरोत्थानके प्रबल कारक बनतैक। हम सभ जाबत मिथिला के शक्तिरूपा भारती-मैत्रेयी-गार्गीके सम्मान करब नहि सिखब, कोनो कार्य अधूरा रहतैक। एहि सभाके विकासमें सेहो महिलाके योगदान परमावश्यक छैक। एहि सम्मेलन में असगर महिला सहभागी बनयमें दुःख के अनुभूति, एहि क्षेत्रसँ कोनो महिला के सहभागी नहि बनब लेकिन मुखिया-सरपंच-समिति चुनावमें महिलाके उतारब बेईमान मानसिकताके द्योतक। समाजके विकासके हर क्षेत्रमें महिलाके सहभागिता जरुरी। माधवेश्वरनाथ महादेव मन्दिरके जीर्णोद्धार लेल तन, मन धन तीनू सँ प्रतिबद्ध भऽ के काज करब। जखन-जखन हमर जरुरी पड़त, बस एक बेर फोन कय देब, हम हाजिर रहब। इतिहासमें बिना लड़ने कोनो उपलब्धि प्राप्त नहि भेलैक अछि, अतः एहि सभाके विकास लेल एक जागृति जरुरी। वर बिकायवाला प्रथाके बन्द होयब जरुरी। लोक में जे भ्रान्ति छैक जे सौराठसँ केवल लांगड़-लूल्ह के विवाह होइत छैक, एकरा दूर करब जरुरी। बर बेचय के परंपराके परित्याग जरुरी। दहेज मुक्त मिथिला निर्माण के आवश्यकता सभ बुझैथ।
 

. प्रो. सर्वनारायण मिश्र: नारी शक्तिके आह्वान - शंखनाद - सभके निन्द्रा तोड़य लेल अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्य भेल आब विश्वास अछि जे एहेन क्रान्तिकारी बेटीके बदौलत परिवर्तन एबे टा करत। मन्दिर के जीर्णोद्धार लेल पूर्व विश्वस्त छी। एक जातिके संस्था कहियो सफल नहि रहलैक अछि। एहि में सभके योगदान जरुरी। विद्वान्विधायक फय्याज मधुबनीके शान - विद्यापतिके मान के समस्त भारतमें शिक्षा क्षेत्रके विकास करैत कयलन्हि - प्रवीणजी नेपाल सँ आबि-आबि एहि संस्थाके विकास एवं पुनरोत्थान हेतु जे सराहनीय भूमिका निर्वाह कय रहल छथि एहि सँ स्थानीय जनमानसके संग समस्त मैथिल जे विश्वके विभिन्न भागमें छथि हुनका सभके लेल प्रेरणा के संचरण करयवाला होयत। इतिहास अहिना बनैत छैक। आइ हम सभ जे उद्देश्य लेल एहिठाम बैसल छी जेकर अध्यक्षता स्वयं एहि संस्थाके उद्यापक बाबु कुलधारी सिंह जी कय रहल छथि, हिनक नेतृत्वमें आब एहि काज के हुवय सऽ केओ नहि रोकि सकैत छैक। तदोपरान्त हमरा सभके संरक्षण देनिहार एहि माटिक प्रखर पुत्र फय्याज एवं बिहार विधानसभाध्यक्ष माननीय ताराकान्त झा जीके योगदान जे हमरा सभके मित्र निलाम्बरजीकेँ मार्फत भेटैत रहत तखन एहि कार्यके हम पूरा भेल देखि रहल छी।

 
. प्रवीण ना. चौधरी: समस्त विश्वके लोक एहि तरफ टकटकी लगाके इन्तजार कय रहल अछि - बस आब एहि कार्य के पूरा करय लेल जे कदम आगू बढल ताहिके व्यवस्थापन एक सशक्त समिति द्वारा पारदर्शिताके संग करबाक जरुरी अछि। कोष निर्माण के आवश्यकताके आत्मसात्करैत समस्त अभिभावकके आदेशानुसार रु.२५,००१/- के व्यक्तिगत अनुदान देबाक घोषणा। संगहि एहि पुनीत कार्य के पूरा करय लेल गाम-गाम याचनाके लेल तैयार। विगतमें कैल गेल प्रयास के संक्षिप्त जानकारी करबैत सभक तत्परतापूर्वक सहयोग लेल तैयार रहय के जानकारी। कुर्सों ड्योढिके पूर्व कीर्तिके प्रेरणा सँ स्वयं ओत-प्रोत रहैत आगू सेहो एहि लेल समस्त ड्योढिके सहयोग निरंतर राखय के प्रतिबद्धता। गाम-गाम सऽ - रुपैया के जन-जनके सहयोग सऽ करोड़ों रुपया के इन्तजाम होयब कठिन नहि, काज करनिहार समितिके कमी। असगर शेखर बाबु सऽ सभ किछु संभव नहि, एहि लेल एक दल दलीय भावना के संग काज करय के परम जरुरी। स्वयं सदिखन तैयार रहके प्रतिबद्धता। सरकारी कोष पर कहियो कोनो लोभ नहि, निजी समष्टिगत्सहयोग अत्यन्त महत्त्वपूर्ण। विधायक महोदय सँ निजी रूपमें संरक्षण कय देबाक निवेदन। निलाम्बर बाबु एवं मा. वि.. अध्यक्ष के दहिन दृष्टि राखय लेल प्रार्थना। कुलधारी बाबु एवं सर्वनारायण बाबु के संग गिरिजा किशोर बाबुकेँ बाबा बैद्यनाथ के अनुकम्पा सऽ आइ एतेक आगू अयबाक स्पष्टोक्ति। आगामी समयमें सभा के आयोजन दसो दिन समारोह के रूपमें स्थानीय महाविद्यालय-विद्यालय स्तरके विद्यार्थीके सहभागिता करबैत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम करैत विद्वत्सभाके आयोजन करैत दहेज मुक्त मिथिला द्वारा आरो विभिन्न जागृतिमूलक कार्य समूचा संसारमें मैथिलके जगाबय लेल होइत रहत तेकर भरोसा।

१०. मा. विधायक बिस्फी वि.. क्षेत्र: डा. फैय्याज अहमद: स्वयं पर्यटन विकास समिति - बिहार सरकार के सदस्य होयबाक कारणे एहि माटि-पानि क्षेत्रके विधायक के रूपमें विकास लेल पूर्ण प्रतिबद्ध... अफसोस जे निजी कोष पर रोक के कारण अनुदान देबय सऽ असमर्थ रहलाह... लेकिन निजी तौर पर अपन यथासंभव बहुत उल्लेखणीय योगदान देबय लेल प्रतिबद्ध। प्रवीणजी के घोषणा अनुकरणीय एहि लेल हमर सर्वथा संरक्षण के वायदा - आर्थिक, शारीरिक आध्यात्मिक हर तरहें तैयार रहब। बहुत जल्दी जे मुख्यमंत्रीके द्वारा अवलोकन के कार्यक्रम अछि ताहि घड़ी हम निलाम्बर बाबु संयुक्त रूपे ज्ञापन पत्र सौंपैत समस्त परिस्थिति सऽ अवगत करायब अवश्य एहि जगह पर अपन कोष सँ चारू तरफ देवाल लगबावैत एकर आवश्यक संरक्षण करब। सभा सेहो लागैय एहि लेल समुचित प्रयास करब। हम एहि ठाम के पुत्र छी हरदम एहि धरतीके सेवामें लागल रहब।

११. बाबु कुलधारी सिंह, सभाध्यक्ष: एहि सभाके आयोजन सभ वक्ताके बात सुनि काफी उत्साहित, स्वयं शारीरिक रूप सऽ ततेक समर्थ नहियो रहितो एहि पुण्य कार्य लेल विधायक जी के मान राखय लेल - प्रवीणजी शेखर बाबुके उत्साहके रक्षाके लेल अपन अध्यक्षताके बरकरार राखब। एहि लेल जे समिति निर्माण होयत से पूर्ण पारदर्शी समर्पित लोक के समेटैत हर कार्य के सफलतापूर्वक निष्पादित करत ताहिके लेल पूरा तत्पर रहब। धन्यवाद।

१२. अधिवक्ता सोहनजी: सभके धन्यवाद ज्ञापन एवं प्रवीणजीके आह्वानके मानार्थ एक कर्मठ दल के गठन करय लेल सम्मेलन उपरान्त पुनः आधा घन्टाके समय माँग करैत हर कार्य होयत एवं सभके सहयोग रहत।

१३. सम्मेलन कालमें विधानसभाध्यक्ष डा. ताराकान्त झा जी केर फोन आयब समस्त सहभागीके शुभकामना देनाय, सभके उत्साहवर्धन। एक प्रस्तावना पत्र पठेबाक अनुग्रह।

सभा-उपरान्त एक समिति निर्माण जाहिमें मुख्यतः अध्यक्ष: बाबु कुलधारी सिंह उपाध्यक्ष - स्थानीय सौराठ सँ एक अभिभावक वर्ग, सचिव: प्रवीण ना. चौधरी, सह-सचिव: निलाम्बर मिश्र संयोजक: शेखर चन्द्र मिश्र, एवं अन्य समेत। (पूरा जानकारी लेबय तक हम नहि रुकि सकल रही नेपाल अयबाक देरी होयबाक कारण प्रस्तावना पत्र एवं माइन्युटपर हस्ताक्षर कय के चलि देने रही। बाकी शुभ।)

हरिः हरः!
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