----------गीत----------
की हिन्दू आ की मुसलमान एके शोणित, एके परान मिथिलाक माटी पर रहनिहार बस, एक बात हम मानै छि ! मंदिर पूजा, मस्जिद पूजी प्रार्थना करी आ नमाज पढ़ी गीता पढ़ी ली आ कुरान पढ़ी अल्लाह कही, सियाराम कही पोथी अनेक अछि सूत्र एक बस, एक मन्त्र हम जाने छि हम मिथिला केर छि, मैथिल छि! सभकें भेटइ रोजी-रोटी आ सभहक वाणी कें आदर सभहक चलबा ले बाट रहय नहीं बाट रहय एत्ते पातर हम सभ सिनेह केर भूखल छि हम एतबही सभदिन माँगै छि हम मिथिला केर छि, मैथिल छि! हम मैथिल छि,हम भारत केर
भारतक करेजा केर टुकड़ी
देसक माला केर एक फूल
ई बात ने कहियो हम बिसरी
आजादी दशक, प्राण हमर
से सभ दिन सँ हम मानै छि
हम मिथिला केर छि, मैथिल छि!
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