सोमवार, 28 नवंबर 2011

-----कनियाँ बनाम बाबा-----


ओ अपन अथबल मायक कोढ़
आ आन्हर बापक करेज बेचिक'
बेसाह' चाहैत अछि
सनकल कनियाँक लेल
एक रत्ती मुस्की!

तें पितामहक पिताहम केर किनल
माटिक तर में गाडल
संचित पितारिया तमघैल
बेचिक' कीन' चाहैत अछि
अपन 'मैरिज डे' पर
कनियाँ के देबाक लेल उपहार
लाइफ टाइम सिम आ मोबाइल

आ ओम्हर खाट पर पड़ल
खोखिआइत वृध्द्र पितामह
ओहि तमघैल कें बन्हकी राखि
किन लेब' चाहैत छथि
एक डिब्बा च्यवनप्राश
आ' काटि लेब' चाहैत छथि
हाड़ कंपबैत
एही बेरुक जाड़!

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