फुटल लोटा थारी में ना...........
हर - हर हरियौ हमरो पीर
दुःख सँ बेधल सकल शरीर
सब दिन रौदी दाही रहलई खेत पथारी में
माया के फुलवारी में ना
हर यौ जुरल ने हरदी नोन
ने भरलई पापी पेटक कोन
सबटा हमारे लेल छी भरने विपति बखारी में
काँट भरल फुलवारी में
घर मे लोटा नञि अछि थारी
बाबा विपति परल अछि भारी
बाबा समय कटै छी फाटल धोती सारी में
खाली तेलक टारी में ना
हमर अछि फुटल सन तकदीर
बाबा लिखलौ केहन लकीर
सब दिन व्यस्ते रहलौं पेटक मारा मारी में ।।
रचनाकार - बद्रीनाथ राय "अमात्य"
जय भोलेनाथ नमन ,प्रभु ही हरेंगे पीर सही बात है ,अति उत्तम ,बधाई हो
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