सोमवार, 24 दिसंबर 2018



देव पीबै छथि अमृत तइयो 
भय सँ छथि मुर्झायल यौ
माहुर खा कS देखू शिवजी
मंद मंद मुस्कायल यौ...
देवलोक देखू परम आनंदक
भोग विलास मे बाझल यौ
महाकाल शिव औढ़र दानी
मरघट धूनी रमाओल यौ...
देव श्रृंगार अनूप अलौकिक
रची-रची रूप बनाओल यौ
भष्म रमाओल भोलादानी
बाघ छाल्ह बस ओढ़न यौ....
रंग बिरंगक मुकुट सुशोभित
देवक रूप सोहाओन यौ
शीश जटा शशी चमकि रहल छन्हि
शिव भोला भंडारी यौ....
देव शरण मे जाइथ शिवालय
गर कतौऊ सँ हारल यौ
भोला छथि बमभोला दानी
स्नेह सुमन बड़साबैथ यौ...
लेखक -   पंकज झा 
https://www.facebook.com/pankajji13


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